(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। उद्यानिकी खाद्य प्रसंस्करण विभाग जिला सिवनी द्वारा प्रभारी कलेक्टर श्री नवजीवन विजय के मार्गदर्शन में गुरूवार 28 नवंबर 2024 को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम योजना PMFME अंतर्गत आजीविका मिशन के सदस्यों की जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन जिला पंचायत सभा कक्ष सिवनी में किया गया।
उपरोक्त संगोष्ठी में सिवनी जिले में खाद्य प्रसंस्करण की संभावनाओं, PMFME योजनाओं की विस्तृत जानकारी एवं प्रावधान तथा बैंक से ऋण स्वीकृति हेतु आवेदन प्रक्रियाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। सहायक संचालक उद्यान सिवनी डॉ. आशा उपवंशी-वासेवार के द्वारा संगोष्ठी की रुपरेखा से अवगत कराकर PMFME योजना की विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी जिसके तहत शहरी एवं ग्रामीण आजीविका मिशन के समस्त स्टॉफ एवं सभी विकासखण्ड से उपस्थित सीएलएफ के सदस्यों को जिले में खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित करने हेतु प्रोत्साहित किया गया। डॉ. आशा उपवंशी-वासेवार द्वारा उपस्थित दीदियों को बताया गया कि वे पीएमएफई योजना अंतर्गत व्यक्तिगत या समूह के रूप में खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां जिले की विभिन्न फसलों जैसे गेंहू, धान, चावल, मक्का, तिलहन फसले, दलहन फसले, दूध, दूध आधारित, गन्ना, मसाले, मिर्च, टमाटर, हल्दी, अदरक, सीताफल, नींबू, आम, केला एवं अन्य फसलों से संबधित प्रोसेसिंग इकाईयां स्थापित कर सकते है। जिस हेतु पीएमएफई योजना अंतर्गत विभाग द्वारा परियोजना लागत का 35 प्रतिशत, अधिकतम 10 लाख रूपये तक अनुदान दिया जाता है।
डॉ. आशा उपवंशी-वासेवार द्वारा यह भी विस्तार से बताया गया कि योजना में आवेदन किस तरह से करें और कौन-कौन से दस्तावेज कि आवश्यकता होती है। आज दिनांक तक कलेक्टर महोदय के मार्गदर्शन में उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा जिले में अभी तक पीएमएफई योजना अंतर्गत 1385.32 लाख रूपये की विभिन्न खाद्य प्रसंस्कृत उत्पाद निर्माण हेतु 100 इकाईयां स्वीकृत की गई है। जिन्हे बैंकों के माध्यम से 1153.24 लाख रूपये का बैंक ऋण स्वीकृत कर उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के माध्यम से 344.53 लाख रूपये का अनुदान स्वीकृत किया गया है।
संगोष्ठी में कृषि वैज्ञानिकी डॉ. आर.एस.ठाकुर द्वारा सिवनी जिले में खाद्य प्रसंस्करण से सम्बंधित विस्तृत जानकारी दी गयी। उनके द्वारा बताया गया कि अदरक से सोंठ बनाये, हल्दी से पाउडर एवं कलर बना सकते है, लहसुन से पिलिंग कर पाउडर बनाये, प्याज़ का स्टोरेज, करेला व सेमी को ड्राई कर सकते है, आम अमरुद नींबू सीताफल का पल्प निकालकर मूल्य प्रवर्धन कर सकते है विभाग से इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाता है, आम को सुखाकर आमचूर बना सकते है, सीताफल से पल्प बना सकते है, आलू से चिप्स बनाकर स्माल इंडस्ट्री डालकर उद्योग तैयार कर सकते है करोंदा से अचार बना सकते है इन सभी उत्पाद को PMFME योजना का लाभ लेकर इनका प्रसंस्करण कर अपना उद्योग लगा सकते है।
संगोष्ठी में अग्रणी बैंक मैनेजर श्री प्रवीण सिसोदिया, भारतीय स्टेट बैंक द्वारा PMFME योजना में बैंक लोन हेतु किन-किन दस्तावेजों की आवश्यकता एवं आवेदन प्रक्रिया की जानकारी से अवगत कराया गया। श्री सिसोदिया द्वारा बताया गया कि बैंक ऋण लेने हेतु हितग्राही का सिबिल स्कोर अच्छा होना चाहिए तथा हितग्राही को लगाये जाने वाले उद्यम के संबंध में पूरी जानकारी होना चाहिए। सीएलएफ की दीदियों द्वारा प्रसंस्करण इकाई लगाये जाने एवं बैंक ऋण स्वीकृति से संबंधी विभिन्न प्रश्नों के उत्तर संगोष्ठी में उपस्थित अधिकारियों द्वारा देकर उनके प्रश्नों का समाधान किया गया।
उक्त संगोष्ठी में श्री प्रवीण सिसोदिया एसबीआई, लीड बैंक के प्रतिनिधि, डॉ. आशा उपवंशी-वासेवार सहायक संचालक उद्यान सिवनी, डॉ. आर.एस. ठाकुर कृषि वैज्ञानिक व उद्यानिकी विभाग से श्री पी.एस.पन्द्रे वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी, श्री बी.एस.बघेल ग्रामीण उद्यान विकास अधिकारी, श्री कृषण कुमार सनोडिया डी.आर.पी. एवं समस्त अधिकारी/कर्मचारी, शहरी एवं ग्रामीण आजीविका मिशन के समस्त स्टॉफ एवं सभी विकासखण्ड से उपस्थित सीएलएफ के सदस्य सहित लगभग 150 की उपस्थिति रहे।