(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम सिवनी के तत्वावधान में क्षय रोग विषय पर इंडियन मेडिकल एसोसियन की कार्यशाला का आयोजन गत दिवस मोटल सेंटर प्वॉईंट सिवनी में किया गया। कार्यशाला में इंडियन मेडिकल एसोसिएसन सिवनी के अध्यक्ष डॉ.सुनील अग्रवाल सहित समस्त सदस्यों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.के.सी. मेशराम ने बताया कि क्षय रोग की जाँच एवं ईलाज की पद्धति में समय के अनुसार बहुत तेजी से बदलाव आया है, पूर्व में क्षय रोग की जाँच केवल माइक्रोस्कोप एवं एक्स-रे आधार पर की जाती थी किन्तु इसके अतिरिक्त अब कम्प्यूटरीकृत सीबीनॉट मशीन द्वारा क्षय रोग की जाँच केवल दो घण्टों में संभव है। इस मशीन की विशेषता यह है कि क्षय रोग की पुष्टि के साथ ही साथ मरीज को किस प्रकार का संक्रमण है यह भी ज्ञात हो जाता है जिससे मरीज के उपचार की अवधि एवं उसके प्रकार को तय करने में मदद प्राप्त होती है।
जिला क्षय अधिकारी डॉ. जयज काकोड़िया ने बताया कि टीबी एक नोटिफेयवल डिसीज है जिसके अन्तर्गत समस्त चिकित्सकों, निजी नर्सिंग होम, एक्स-रे सेन्टर, पैथालॉजी सेंटर, प्रायवेट प्रेक्टीसनरों एवं मेडिकल स्टोर को टीबी मरीज एवं दवा की जानकारी निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अथवा जिला क्षय अधिकारी को दी जानी अनिवार्य है।
उनके द्वारा यह भी बताया गया कि टीबी की दवा खिलाने वाले ट्रीटमेंट सपोर्टरो को शासन द्वारा केट-1 के 1000 रूपये एवं केट-4 के 5000 रूपये दिये जा रहे है एवं निष्क्षय पोषण योजना के अन्तर्गत टीबी मरीजों को इलाज अवधि के दौरान 500रूपये प्रतिमाह शासन द्वारा उनके बैंक अकाउन्ट में जमा कराये जा रहे है।
जिला क्षय अधिकारी डॉ जयज काकोडिया द्वारा इंडियन मेडिकल एसोसिएसन के सभी सदस्यों से आग्रह किया गया कि सभी साथ मिलकर टीबी रोगियों को खोजे ताकि उन्हे बेहतर उपचार प्रदान कर रोगमुक्त बनाया जा सके। कार्यषाला में आर.एन.टी.सी.पी. की ओर से जिला प्रोग्राम समन्वयक सुनील धुर्वे, जिला पी.एम.डी.टी. समन्वयक बृजेष पाण्डेय, टीबी हेल्थ विजिटर सुषील साहू एवं सीनियर टीबी लेब सुपरवाइजर गुलेन्द्र परते उपस्थित रहे।