(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। भाजपा जब भी राष्ट्रवाद की बात करती है तो काँग्रेसियों को ऐसा क्यों लगने लगता है कि किसी ने उनके ऊपर सांप छोड़ दिया हो। वे अपनी वर्तमान करतूतों पर पर्दा डालकर आजादी की लड़ाई में अपनी भूमिका का बखान करने लगते हैं।
उक्त आशय की आरोप लगाते हुए भाजपा मीडिया प्रभारी श्रीकांत अग्रवाल द्वारा कहा गया कि स्वतंत्रता आंदोलन में जिन बलिदानीओं ने अपना जीवन अर्पण किया। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई उस एक गैर राजनीतिक दल के फोरम की अगुवाई में हुई थी जिसमें, विभिन्न विचारधाराओं के लोग थे जिनका एकमात्र मकसद भारत को गुलामी से मुक्ति दिलाना था। तब तिरंगे और चरखे के नीचे लड़ी गयी आजादी की लड़ाई का श्रेय आज वो खूनी पंजा लेना चाहता है जिसने सत्ता के लिये अखण्ड भारत को खंडित करने से परहेज़ नही किया।
श्रीकांत अग्रवाल ने कहा कि आजादी के बाद उनकी तपस्या के श्रेय की लूटपाट में स्वर्गीय पंडित नेहरू और उनका गिरोह इस तरह सक्रिय हो गया कि उन्होंने इस लड़ाई में काँग्रेस की विचारधारा से असहमत लोगों को या तो गुमनामी की काल कोठरी में ढकेल दिया या उनके योगदान को देश के समक्ष विकृत इतिहास के रूप में प्रस्तुत कर उन्हें बदनाम करने का षड्यंत्र किया। जिसका शिकार विशेष रूप से संघ और जनसंघ के पितृ पुरुष हुए।
श्री अग्रवाल ने कहा कि आजादी के बाद बनी संविद सरकार जिसका नेत्तृत्व पंडित नेहरू कर रहे थे उसमें सभी दलों के लोग शामिल थे। जिसमें मुस्लिम लीग भी शामिल थी।तब इस सरकार में शामिल डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पंडित नेहरू की तुष्टीकरण की नीतियों के विरोध में उनके मंत्रिमण्डल से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में काँग्रेस नेता का यह बयान कि भाजपा के पितृ पुरुष डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने मुस्लिम लीग से समझौता कर लिया था पूरी तरह से सफेद, अपराधिक और अक्षम्य झूठ है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि वास्तव में काँग्रेस आजादी के बाद से ही मुस्लिम लीग से गठबंधन करती आयी है, और आज भी इनके नेता श्री राहुल गांधी केरल की वायनाड संसदीय सीट से पाकिस्तान परस्त कट्टरपंथी संगठन और भारत के बटवारे के लिये जिम्मेदार मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे हैं। काँग्रेस के लिये पतन की पराकाष्ठा की कोई सीमा नहीं होती यह सत्ता के लिये हर पाप कर सकते हैं।
श्री अग्रवाल ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल भारत की समृद्ध शाली संस्कृति के प्रहरी थे। इसलिये तुष्टीकरण के पुरोधा पंडित नेहरू ने उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया। महात्मा गांधी की हत्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बदनाम करने के लिये पंडित नेहरू ने सरदार पटेल पर दबाव डाला था जिस पर सरदार पटेल ने खोसला आयोग को इसके जाँच का जिम्मा सौंपा और इस जाँच में संघ पूरी तरह निर्दाेष प्रमाणित पाया गया। और सरकार संघ पर से प्रतिबंध हटाने को विवश हुई।
श्री अग्रवाल ने कहा कि काँग्रेस के खुद के नेता मेड इन इटली हैं। गांधी खानदान ने भले ही भारतीय नागरिकता ले ली हो लेकिन सोच आज भी इनकी मेड इन इटली है। ऐसे में ये सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व प्रसिद्ध अद्वितीय प्रतिमा पर मेड इन चाइना होने का ठप्पा लगाने का पाप करके देश के उन लाखों किसानों को बदनाम कर रहे हैं जिन्होंने इस मूर्ति के लिये अपने खेतों की मिट्टी और उपयोग में आने वाले हलों तथा औजारों का लोहा दान दिया था। सरदार पटेल देश के असली हीरो हैं, वे देश के नेता है।
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