. . . और हत्थे से उखड़ गये बोध सिंह भगत!

 

 

निर्वतमान सांसद के खिलाफ हुई वारासिवनी थाने में शिकायत

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। बालाघाट संसदीय क्षेत्र से इस बार बोध सिंह भगत की टिकिट कटने के बाद बालाघाट में नाटकीय घटनाक्रम घटित हो रहे हैं। बोध सिंह भगत के द्वारा लोकसभा चुनाव में उतरने की घोषणा और उनके द्वारा लोकसभा निर्वाचन का फॉर्म खरीदे जाने से सियासी पारा चढ़ता दिख रहा है। इसके साथ ही भाजपा के एक कार्यकर्त्ता के द्वारा बोध सिंह भगत के खिलाफ वारा सिवनी थाने में लिखित शिकायत भी की गयी है।

बालाघाट जिले के वारा सिवनी के थाना प्रभारी ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान बताया कि भाजपा कार्यकर्त्ता छगन हनवत के द्वारा एक लिखित शिकायत पुलिस को दी गयी है जिसमें उन्होंने कहा है कि बालाघाट के निर्वतमान सांसद के द्वारा उन्हें गंदी – गंदी गालियां बकी गयीं हैं।

थाना प्रभारी का कहना था कि इस मामले में जाँच की जा रही है। चूँकि गालियां बकने के प्रमाण अभी नहीं मिल पाये हैं और न ही साक्षियों के बयान हुए हैं इसलिये इस मामले में फिलहाल प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की प्राथमिक जाँच के बाद अगर जरूरी हुआ तो प्रकरण दर्ज किया जायेगा।

इधर, भाजपा के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान बताया कि सोमवार को जब बालाघाट लोकसभा के प्रत्याशी डॉ.ढाल सिंह बिसेन निर्वतमान सांसद बोध सिंह भगत से मिलने वारा सिवनी स्थित उनके कार्यालय पहुँचे तो उनके साथ किसान मोर्चा के बालाघाट प्रभारी छगन हनुमत भी उनके साथ थे।

सूत्रों का कहना था कि डॉ.ढाल सिंह बिसेन की वरिष्ठता और उनके कद के हिसाब से बोध सिंह भगत के द्वारा उनसे तो बहुत सौहार्द्रपूर्ण तरीके से मिला गया किन्तु डॉ.बिसेन के साथ गये छगन हनवत को बोध सिंह भगत के द्वारा भला बुरा कहा गया। मामला यहाँ तक बिगड़ गया था कि बोध सिंह भगत के द्वारा छगन हनवत को कथित तौर पर कुर्सी उठाकर मारने की कोशिश भी की गयी थी। इस पूरे घटनाक्रम के साक्षी लगभग एक दर्जन लोग मौके पर मौजूद भी बताये जा रहे हैं।

सूत्रों की मानें तो इस पूरे घटनाक्रम और पुलिस को दी गयी शिकायत के बाद बालाघाट में सियासी पारा उफान पर आ गया है। बालाघाट जिले में पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन और निर्वतमान सांसद बोध सिंह भगत के बीच रार किसी से छुपी नहीं है। दोनों ही के द्वारा मौका मिलने पर एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा गया था।

सियासी जानकारों की मानें तो इस पूरे घटनाक्रम से नुकसान में बोध सिंह भगत ही दिख रहे हैं, क्योंकि बोध सिंह भगत के विरोधियों के द्वारा इस मामले को यह कहकर उछाला जा रहा है कि टिकिट कटने से बोध सिंह भगत अब खिसियाहट में इस तरह के कदम उठा रहे हैं जो उनकी खुद की छवि को खराब कर रहे हैं।

इस संबंध में निर्वतमान सांसद बोध सिंह भगत से संपर्क करने का प्रयास किया गया किन्तु उनका मोबाईल कवरेज क्षेत्र के बाहर होने के संकेत देता रहा।