(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार लोकसभा निर्वाचन के तहत मतदान के दिन मतदाताओं को गैर सरकारी पहचान पर्चियां बांटने के लिये उम्मीदवारो को अपने निर्वाचन बूथ मतदान केन्द्रों के 200 मीटर के दायरे के बाहर ही स्थापित करने की अनुमति होगी।
इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने अपने निर्देशों में स्पष्ट किया है कि मतदान दिवस पर उम्मीदवार अपने एजेंटांे और कार्यकर्त्ताओं के लिये मतदान केन्द्र से 200 मीटर की दूरी के बाहर मतदाताओं को गैर सरकारी पहचान पर्चियां बांटने के लिये एक छतरी अथवा त्रिपाल के नीचे केवल एक मेज तथा दो कुर्सी रख सकते हैं ताकि वे अपना सिर धूप या वर्षा से बचा सकंे। ऐसी मेज के आसपास भीड़ इकट्ठी नहीं होगी।
आयोग ने मतदान के दिन कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने के मद्देनजर उम्मीदवारो के निर्वाचन बूथों की स्थापना के लिये दिशा निर्देश भी दिये है। इन दिशा निर्देशो में कहा गया है कि मतदान केन्द्र के 200 मीटर के भीतर कोई बूथ स्थापित नहीं किया जायेगा। एक ही परिसर में एक से अधिक मतदान केन्द्र होने की स्थिति में भी ऐसे परिसरों से 200 मीटर की दूरी पर मतदान केन्द्रों के लिये एक उम्मीदवार का एक ही बूथ बनाया जायेगा।
निर्वाचन आयोग के अनुसार ऐसे बूथों पर केवल दो कुर्सियां और एक मेज ही रखी जायेगी। ऐसे बूथों पर कनात नहीं लगायी जा सकेगी। केवल धूप या वर्षा से बचने के लिये एक छतरी या त्रिपाल का टुकड़ा लगाया जा सकेगा। आयोग ने कहा है कि गैर सरकारी मतदाता पहचान पर्चियां बांटने के लिये ऐसे बूथ बनवाने की इच्छा रखने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को लिखित रूप में रिटर्निंग अधिकारी को उन मतदान केन्द्रों के नाम और क्रम संख्या बतानी होगी जहाँ बूथ स्थापित करवाये जाने हैं।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि निर्वाचन बूथ स्थापित करवाने से पहले उम्मीदवार को स्थानीय कानून के अधीन भूमि के उपयोग के लिये सरकारी प्राधिकरणों अथवा नगर निगमो, नगर पालिकाओं, जिला परिषदों, शहरी क्षेत्र समितियों, पंचायत समितियों आदि की लिखित अनुमति भी लेनी होगी। बूथ प्रबंधको को माँगे जाने पर इस प्रकार के लिखित अनुमति पुलिस अथवा निर्वाचन प्राधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत भी करनी होगी।
उम्मीदवारों द्वारा इन निर्वाचन बूथों का इस्तेमाल केवल गैर सरकारी पहचान पर्चियां जारी करने के एक मात्र प्रयोजन के लिये किया जा सकेगा। यह गैर सरकारी पहचान पर्चियां भी केवल आयोग के आदेश के अनुसार ही मुद्रित करायी जा सकेगी जिन पर अभ्यर्थी का नाम या प्रतीक चिन्ह अथवा राजनैतिक दल का नाम नहीं होना चाहिये। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि किसी भी स्थिति में ऐसे बूथों पर भीड़ इकट्ठी होने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
न ही ऐसे व्यक्ति को आने की अनुमति दी जायेगी जो पहले ही मतदान कर चुका हो। आयोग ने यह भी कहा है कि बूथों पर बैठे व्यक्ति मतदान केन्द्रों पर जाने वाले मतदाताओं के रास्ते में किसी भी तरह की रूकावट नहीं डालेंगे अथवा दूसरे उम्मीदवारों के बूथों पर जाने से उन्हें नहीं रोकंेगे। मतदाताओं को स्वयं उनकी इच्छा अनुसार मताधिकार का प्रयोग करने में किसी प्रकार की रूकावट भी निर्वाचन बूथों में बैठे कार्यकर्त्ता नहीं डाल सकेंगे।
आयोग ने कहा है कि इन निर्देशो का उल्लंघन अत्यधिक गंभीरता से लिया जायेगा और ऐसे उल्लंघन के लिये जिम्मेदार अभ्यर्थी और उनके अभिकर्त्ताओं के विरूद्ध कानून के अधीन कड़ी कार्यवाही की जायेगी तथा बूथों को हटा दिया जायेगा। आयोग ने चुनावी व्यवस्था में लगे शासकीय अधिकारियों को भी चेतावनी दी गयी है कि यदि वे आयोग के निर्देशो का उल्लंघन पाये जाने पर तत्काल कार्यवाही करने में असफल रहते हैं तो उनके विरूद्ध भी दाण्डिक कार्यवाही की जायेगी और उन्हें अनुशासनिक कार्यवाही का भागी भी बनना होगा।

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