ग्रीष्म कालीन अवकाश में इस तरह रखेंगे बच्चों को व्यस्त!

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। ग्रीष्म कालीन अवकाश के दौरान विद्यार्थियों को व्यस्त रखने और उनका सामान्य ज्ञान बढ़ाने के लिये शिक्षा विभाग, ग्रीष्म कालीन अवकाश के दौरान विद्यार्थियों को कुछ अलग तरह के काम देने जा रहा है।

जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार ग्रीष्म कालीन अवकाश के दौरान बच्चे काफी खाली रहते हैं। अवकाश के दौरान बच्चों को क्रियाशील रखने के लिये उन्हें किसी एक परियोजना का काम दिया जाये। इन परियोजनाओं की सूची जारी की गयी है।

विज्ञप्ति के अनुसार इससे बच्चे ग्रीष्म कालीन अवकाश में अपने ग्राम, पड़ौस के गाँव, रिश्तेदारों के गाँव की किसी एक व्यवस्था, समस्या का अध्ययन करेेंगे। अध्ययन उपरांत उस पर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे। अध्ययन के दौरान पायी गयी किसी समस्या के समाधान हेतु कोई नयी परियोजना, मॉडल तैयार करेंगे।

विज्ञप्ति के अनुसार इंस्पायर एवार्ड योजना अंतर्गत आने वाले वर्ष के लिये पंजीयन का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है। इन परियोजनाओं पर बच्चों द्वारा किये गये कार्य और उनके द्वारा बनायी गयी नवीन परियोजना, मॉडल का उपयोग इंस्पायर एवार्ड योजना हेतु भी किया जा सकता है।

विज्ञप्ति के अनुसार ग्रीष्म कालीन अवकाश के उपरांत शाला प्रारंभ होने पर इन परियोजनाओं पर बच्चों द्वारा किये गये कार्य की समीक्षा संस्था प्रधान, शिक्षकों द्वारा की जायेगी। समीक्षा के दौरान प्रत्येक संस्था में 05 सर्वश्रेष्ठ बच्चों का चयन किया जाकर उन्हें पुरूस्कृत भी किया जाये।

इसके लिये जो परियोजनाएं निर्धारित की गयी हैं उसमें दैनिक जीवन से जुड़ी कोई ऐसी समस्या, उसको चिन्हित करना जिसके कारण से दैनिक क्रियाकलाप प्रभावित होते हैं। उपरोक्त अनुसार चिन्हित ऐसी किसी समस्या का सरलतम समाधान प्रस्तुत करना।

किसी अभिनव विचार पर आधारित, बाल कल्पना लोक की कोई कहानी लिखना। अपने वर्तमान आवासीय परिसर (घर) का आदर्श घर में परिणित करने हेतु अधोसंरचात्मक कार्य योजना का निर्माण करना। अपने वर्तमान आवासीय परिसर (घर) की आवश्यक मरम्मत एवं पुताई के लिये प्राक्कलन तैयार करना।

अपने वर्तमान आवासीय परिसर (घर) निकटतम परिक्षेत्र, ग्राम, वार्ड, शाला में स्वच्छता सर्वेक्षण करना। अपने ग्राम, वार्ड, कस्बे का जननांकीय सर्वेक्षण करना। अपने आसपास के पर्यावरण, जन्तु व वनस्पति की जैव विविधता का अध्ययन करना। एक चिन्हित क्षेत्र, ग्राम में कृषि का अध्ययन करना।

चिन्हित क्षेत्र्र, ग्राम में की जा रही कृषि में उपयोग किये जाने वाले उर्वरक का अध्ययन करना। एक चिन्हित क्षेत्र में जैविक खेती की संभावना तलाशना। अपने ग्राम, वार्ड या कस्बे में पशु पालन का अध्ययन करना। अपने ग्राम, वार्ड, कस्बे मंे ओ.डी.एफ. सर्वे करना। अपने ग्राम, वार्ड, कस्बे में स्वास्थ्य सर्वेक्षण करना।

अपने ग्राम, वार्ड, कस्बे में उन्नत जीवन कौशल के उदाहरण खोजना। अपने घर का ऊर्जा अंकेक्षण करना। अपने घर, वार्ड में प्रयुक्त ईधन, की माँग व पूर्ति का अध्ययन करना। ग्राम के जल स्त्रोत का समग्र अध्ययन करना (फलोराईड की उपस्थिति सहित), ग्राम, वार्ड, कस्बे का नजरी नक्शा बनाकर विकास की संभावनाएं तलाशना।

स्थानीय प्रशासन व्यवस्था का अध्ययन करना। प्रचलित शासकीय योजनाओं का अध्ययन करना। अपने ग्राम, वार्ड, कस्बे में शैक्षणिक सर्वेक्षण करना। अपने ग्राम, कस्बे, वार्ड को आदर्श स्वरूप में बनाने हेतु कार्ययोजना का निर्माण करना। अपने ग्राम, वार्ड, कस्बे में प्रचलित व्यवस्था का अध्ययन करना। स्थानीय संचार के साधनों का समग्र अध्ययन करना। तीज – त्यौहार व परंपराओं का अध्ययन करना एवं इसके अतिरिक्त अन्य कोई विषय भी अध्ययन हेतु चयन किया जा सकता है।

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