(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। सभी राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को चाहिये कि वे मतदान दिवस के दिन यह सुनिश्चित करने के लिये कि मतदान शान्तिपूर्ण और सुव्यवस्थित ढंग से हो, मतदाताओं को इस बात की पूर्ण स्वतंत्रता हो कि वे बिना किसी परेशानी व बाधा के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें, निर्वाचन कर्तव्य पर लगे हुए अधिकारियों के साथ सहयोग करें। सभी दल अपने प्राधिकृत कार्यकर्त्ताओं को उपयुक्त बिल्ले या पहचान-पत्र वितरित करें।
इस बात से सहमत हो कि मतदाताओं की उनके द्वारा दी गयी पहचान पर्चियाँ सादे कागज पर होगी और उन पर कोई प्रतीक चिन्ह, अभ्यर्थी का नाम या दल का नाम नहीं होगा। मतदान के दिन और उसके पूर्व 48 घण्टों के दौरान किसी को शराब पेश या वितरित न की जाये। राजनैतिक दलों और अभ्यर्थीयों के द्वारा मतदान केन्द्रों के निकट लगाये गये केम्पों के नजदीक अनावश्यक भीड़ इकट्ठी न होने दें।
यह भी सुनिश्चित किया जाये कि अभ्यर्थियों के कैम्प साधारण हो, उन पर कोई पोस्टर झण्डे, प्रतीक या अन्य प्रचार सामग्री प्रदर्शित न की जाये। कैम्पों में खाद्य पदार्थ पेश न किये जायें व भीड़ न लगायी जाये। मतदान के दिन वाहन चलाने पर लगाये जाने वाले निर्बन्धनों का पालन करने में प्राधिकारियों के साथ सहयोग करें। मतदान केन्द्र में मतदाताओं के सिवाय कोई भी व्यक्ति निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये विधिमान्य पास के बिना मतदान केन्द्रों में प्रवेश नहीं करेंगे। निर्वाचन आयोग प्रेक्षकों की नियुक्ति कर रहा है। यदि निर्वाचनों के संचालन में अभ्यर्थी या उनके अभिकर्त्ता को कोई विशेष शिकायत या समस्या हो तो वे उसकी सूचना प्रेक्षक को दे सकते हैं।
सत्ताधारी दल के लिये आदर्श आचरण संहिता : निर्वाचन आयोग द्वारा सत्ताधारी दल के लिये जारी की गयी आदर्श आचरण संहिता के तहत सत्ताधारी दल को चाहे वह केन्द्र में हो या सम्बन्धित राज्य या राज्यों में हों, यह सुनिश्चित करना चाहिये कि यह शिकायत करने का मौका न दिया जाये कि उस दल ने अपने निर्वाचन अभियान के प्रयोजनों के लिये अपने सरकारी पद का प्रयोग किया है। विशेष रूप से मंत्रियों को अपने शासकीय दौरों को निर्वाचन से सबन्धित प्रचार कार्य के साथ नहीं जोड़ना चाहिये।
निर्वाचन के दौरान प्रचार करते हुए शासकीय मशीनरी अथवा कर्मियों का प्रयोग नहीं करना चाहिये। सरकारी विमानों, गाड़ियों सहित सरकारी वाहनों, मशीनरी और कर्मिकों का सत्ताधारी दल के हित को बढ़ावा देने के लिये प्रयोग नहीं किया जायेगा। सत्ताधारी दल को चाहिये कि वह सार्वजनिक स्थान जैसे मैदान इत्यादि पर निर्वाचन सभाएं आयोजित करने और निर्वाचन के सम्बन्ध में हवाई उड़ानों के लिये हेलिपेडों का इस्तेमाल करने के लिये अपना एकाधिकार न जमायें। ऐसे स्थानों का प्रयोग दूसरे दलों और अभ्यर्थियों को भी उन्हीं शर्तों पर करने दिया जाये, जिन शर्तों पर सत्ताधारी दल उनका प्रयोग करता है।
सत्ताधारी दल या उसके अभ्यर्थियों का विश्राम गृहों, डाक बंगलों या अन्य सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं होगा और ऐसे आवासों का प्रयोग निष्पक्ष तरीके से करने के लिये अन्य दलों और अभ्यर्थियों को भी अनुमति दी जायेगी किन्तु कोई भी दल या अभ्यर्थी ऐसे आवासों का प्रचार कार्यालय के रूप में या निर्वाचन प्रोपेगंडा के लिये सार्वजनिक सभा करने की दृष्टि से प्रयोग नहीं करेगा या उसे प्रयोग करने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
निर्वाचन अवधि के दौरान राजनैतिक समाचारों तथा प्रचार की पक्षपातपूर्ण ख्याति के लिये सरकारी खर्चे से समाचार-पत्रों में या अन्य माध्यमों में ऐसे विज्ञापन का जारी किया जाना तथा सरकारी जन माध्यमों का दुरूपयोग कर्तव्यनिष्ठ होकर बिल्कुल बन्द रहना चाहिये, जिनमें सत्ताधारी दल के हितों को अग्रसर करने की दृष्टि से उनकी उपलब्धियाँ दिखाई गयी हो। मंत्रियों व अन्य प्राधिकारियों को उस समय से जब से निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन घोषित किये जाते हैं स्वेच्छानुदान निधि में से अनुदानों अथवा अदायगियों की स्वीकृति नहीं देना चाहिये।
मंत्री और अन्य अधिकारी किसी भी रूप में कोई भी वित्तीय मंजूरी या वचन देने की घोषणा नहीं करेंगे और किसी प्रकार की परियोजना अथवा स्कीमों के लिये आधारशिलाएं आदि नहीं रखेंगे। सड़कों के निर्माण का कोई वचन नहीं देंगे, पीने के पानी की सुविधाएं आदि नहीं देंगे। शासन सार्वजनिक उपक्रमों आदि में कोई भी तदर्थ नियुक्ति नहीं की जायेगी। केन्द्रीय या राज्य सरकार के मंत्री अभ्यर्थी या मतदाता अथवा प्राधिकृत अभिकर्त्ता अपनी हैसियत को छोड़कर किसी भी मतदान केन्द्र या गणना स्थल में प्रवेश नहीं करेंगे।