पितृ पक्ष में न करें ये 05 गलतियां

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। भाद्रपद मास की पूर्णिमा के अगले दिन के अगले दिन से ही पितृ पक्ष की शुरुआत मानी जाती है। इसकी समाप्ति 28 सितंबर की रात 12 बजकर 20 मिनिट पर होगी।

15 दिन तक चलने वाले पितृ पक्ष के आखिरी दिन अमावस्या को सर्व पितृ विसर्जन किया जायेगा। इस बार शनि अमावस्या भी है इस अमावस्या से सर्व पितृ अमावस्या भी कहते हैं। वहीं 28 सितंबर की मध्य रात्रि 12 बजकर 21 मिनिट के बाद से शारदीय नवरात्र की शुरूआत होगी। 29 सितंबर की सुबह सूर्याेदय अश्विन मास में होगा। इसलिये रविवार की सुबह एकम तिथि को शारदीय नवरात्र की शुरूआत होगी।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पितृ पक्ष में इस तरह की गलतियों को करने से बचना ही चाहिये।

न कटवायें बाल : मान्यता है कि जो लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध या तर्पण करते हों उन्हें पितृ पक्ष में 15 दिन तक अपने बाल नहीं कटवाने चाहिये। माना जाता है कि ऐसा करने से पूर्वज नाराज हो सकते हैं।

किसी भिखारी को घर से खाली हाथ न लौटायें : कहा जाता है कि पितृ पक्ष में पूर्वज किसी भी वेष में अपना भाग लेने आ सकते हैं। इसलिये दरवाजे पर कोई भिखारी आये तो इसे खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिये। इन दिनों किया गया दान पूर्वजों को तृप्ति देता है।

लोहे के बर्तन का इस्तेमाल न करें : कहा जाता है कि पितृ पक्ष में पीतल या तांबे के बर्तन ही पूजा, तर्पण आदि के लिये इस्तेमाल करना चाहिये। लोहे के बर्तनों की मनाही है। लोहे के बर्तनों को अशुभ माना जाता है।

नया सामान न खरीदें : कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दिन भारी होते हैं ऐसे में कोई नया काम या नया समान नहीं खरीदना चाहिये जैसे कपड़े, वाहन, मकान आदि।

दूसरे का दिया अन्न न खायें : मान्यता है श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को 15 दिन तक दूसरे के घर बना खाना नहीं खाना चाहिये और न ही इस दौरान पान खाना चाहिये।