(ब्यूरो कार्यालय)
उगली (साई)। जिले के उप तहसील स्तर का दर्जा पाए उगली के पास स्थित गोरखपुर गांव के निवासियों के लिए बारिश का चार महीने किसी सजा से कम नहीं होते।
ग्रामीण इस दौरान ईश्वर से यही मनाते हैं कि किसी तरह की तकलीफ इस दौरान न हो। वजह साफ है गांव को बाहरी दुनिया से जोडऩे वाली सड़क और पुलिया की हालत खराब होना। ग्रामीणों का कहना है कि वे तत्कालीन विधायक से लेकर वर्तमान विधायक तथा सीएम हैल्प लाईन में कम से कम पांच सैकड़ा बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन इस एक दशक से अधिक समय में उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है।
इसके बाद अब ग्रामीणों का कहना है कि वे आगामी हर चुनाव का तबतक बहिष्कार करेंगे जब तक सड़क और अच्छे पुलों का निर्माण नहीं हो जाता है।
सड़क में न गिट्टी, न तारकोल : उगली से तकरीबन पांच किलो मीटर दूर पर स्थित गोरखपुर गांव खामी पंचायत के अंर्तगत आता है। इस गांव में तीन ओर तीन सड़कें हैं लेकिन एक भी सड़क इन दिनों चलने योग्य नहीं है। हाल यह है कि पिछले दिनों गांव से एक गर्भवती को गोद में उठाकर बमुश्किल पुल पार कराया गया।
ऐसे हादसे यहां पर अक्सर होते रहते हैं। वजह गांव का पहुंचमार्ग काफी जर्जर हो चुका है। गांव के रहने वाले रोहित बिसेन, अशोक कुमार उइके, बारेलाल, कमलेश बिसेन, तीरथ आदि ने बताया कि गांव की सड़क में पैदल गुजरना भी नामुमकिन है। ऐसे में किसी वाहन की बात सोचना भी बेमानी है।
एक दशक से अधिक का अर्सा हुआ गांव में सड़क का नामोनिशान शेष नहीं बचा है। बाकी दिनों में तो जैसे तैसे काम चल जाता है लेकिन बारिश बमुश्किल गुजरती है। सड़क लोक निर्माण विभाग के अंर्तगत आती है।
ग्रामीणों का कहना है कि तत्कालीन विधायक हरवंश सिंह, उनके पुत्र रजनीश सिंह और वर्तमान विधायक राकेश पाल से वे बार बार मिन्नतें कर चुके हैं। इसके साथ ही सीएम हैल्प लाइन में कमसे कम पांच सौ बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन सुनवाई नहीं हुई। गांव को जोडऩे वाले दो पुलों की हालत भी काफी जर्जर हो चुकी है। गांव में सिर्फ प्राथमिक स्तर का स्कूल है। आगे की पढ़ाई के लिए छात्रों को दूसरे गांव जाना पड़ता है। ऐसे में स्कूल जाना खतरे से कम नहीं है। पुल पर हरदम घायल होने या फिर बह जाने का खतरा है।
तो करेंगे चुनावों का बहिष्कार! : ग्रामीणों का कहना है कि यदि शीघ्र उनके गांव की सड़क और पुल का निर्माण नहीं किया गया तो वे आगामी हर चुनावों का बहिष्कार करेंगे। गांव की आबादी लगभग एक हजार है। वहीं इस मामले में लोकनिर्माण विभाग के उमेश परतेती का कहना है कि इस सड़क और पुल का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। गांव में नई सड़क का भी निर्माण भी किया जाना है। प्रस्ताव का अनुमोदन होने के बाद सर्वे और काम किया जाएगा लेकिन वे नहीं बता सके कि इस काम में कितना वक्त लगेगा।

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