बारिश से राहत की उम्मीदें कम

 

 

12 तक असर दिखायेगी मॉनसूनी द्रोणिका

(महेश रावलानी)

सिवनी (साई)। सोमवार को दोपहर के बाद आरंभ हुई झमाझम बारिश ने शहर को एक बार फिर तर बतर कर दिया। खुले में गरबा कराने वाले आयोजकों पर बारिश भारी पड़ती दिख रही है। आने वाले दिनों में बारिश से निज़ात मिलने की संभावनाएं कम ही प्रतीत हो रही हैं।

सोमवार को सुबह मौसम खुला रहा किन्तु दोपहर डेढ़ बजे के आसपास अचानक ही काले बादलों से जिले का आसमान ढंक गया और उसके बाद बूंदाबांदी आरंभ हुई जो तेज बारिश में तब्दील हो गयी। इसी बीच जमकर बिजली चमकी। बिजली की इस धमक से जठार अस्पताल के सामने लगे ट्रांसफॉर्मर के अस्थि पंजर हिल गये।

लगभग पौन घण्टे तक एक सी गति से पानी गिरा। इस पानी से निचले इलाकों सहित बुधवारी बाज़ार और बाहुबली चौराहे का हिस्सा पूरी तरह जलमग्न नज़र आया। कुछ देर के लिये पानी रूका पर एक बार फिर तेज पानी से पहले जैसे हालात निर्मित हो गये।

मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि बारिश का यह असर 12 अक्टूबर तक बना रहेगा। अरब और हिंद महासागर में उपजे चक्रवात से निर्मित द्रोणिका सीधे प्रदेश की तरफ खिसकी थी। इसी वजह से सितंबर में कुछ जगहों पर तेज बारिश और कहीं – कहीं सामान्य बारिश हुई।

सूत्रों का कहना था कि मॉनसून चक्र सितंबर तक दर्ज किया जाता है। एक अक्टूबर से नयी बारिश का आंकड़ा दर्ज किया जाने लगता है, लेकिन इस बार मॉनसून पीछे नहीं खिसका। अक्टूबर में भी सक्रिय रहेगा, खण्ड बारिश का दौर चलेगा। धीरे – धीरे रात में तापमान भी नीचे आने लगेगा और हल्की ठण्डक का अहसास होगा।

दो जगह से निर्मित चक्रवात : सूत्रों के मुताबिक अरब सागर और हिंद महासागर में चक्रवात का निर्माण सितंबर के आखिरी दिनों में हुआ। इससे निर्मित द्रोणिका यानी कम दबाव का क्षेत्र हवाओं के साथ प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर गया। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ होकर यह द्रोणिका हिंद महा सागर तक पहुँची। इसी वजह से सितंबर अंत तक मॉनसून वापस नहीं हुआ।