(अपराध ब्यूरो)
सिवनी (साई)। सिवनी पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को पटवारी बताकर एक दिव्यांग महिला से धोखाधड़ी कर उसके पैतृक विवादित ज़मीन को अपने नाम कराने का झांसा दिया और उससे 12,400 रुपये ठग लिए। पुलिस ने आरोपी के पास से 9,000 रुपये नकद और एक मोबाइल फोन जब्त किया है।
मामला और शिकायत
यह घटना 17 जून 2025 को तब सामने आई जब नगझर थाना डूंडासिवनी निवासी श्रीमती रोशनी इवनाती, पति संतोष इवनाती, अपनी पारिवारिक पैतृक ज़मीन से जुड़े एक मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय की जनसुनवाई में पहुंचीं। उनकी ज़मीन का मामला सिविल कोर्ट में विचाराधीन है।
पूछताछ में रोशनी ने बताया कि अप्रैल महीने में एक व्यक्ति उनके ससुराल ग्राम नगझर आया और खुद को पटवारी सौरभ उइके बताया। उसने खेत का खसरा-नक्शा देखकर उनके साथ उनके मायके ग्राम ऐरपा जाकर विवादित खेत भी देखा। आरोपी ने रोशनी को यह ज़मीन उनके नाम पर करवाने का झांसा दिया। उसने पहली बार में 2,400 रुपये लिए, और उसके 15 दिन बाद 10,000 रुपये और ठग लिए। पैसे लेने के बाद वह काम करने में आनाकानी करने लगा।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
दिव्यांग और निःशक्त व्यक्तियों की समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए, पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और तत्काल तथाकथित पटवारी को पकड़कर महिला को न्याय दिलाने का आदेश दिया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गुरुदत्त शर्मा और सीएसपी श्रीमती पूजा पांडे ने भी इस मामले में विशेष रुचि ली और थाना प्रभारी डूंडासिवनी को शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
पुलिस ने तथाकथित पटवारी को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो पता चला कि वह कोई पटवारी नहीं है। उसकी पहचान ग्राम बिहरिया, थाना बंडोल, जिला सिवनी निवासी कन्हैया कुमार बोरकर, उम्र 39 साल, पिता जितुलाल बोरकर के रूप में हुई। इसी व्यक्ति ने खेती की ज़मीन विवादित नाम कराने के नाम पर महिला के साथ धोखाधड़ी की थी।
आरोपी कन्हैया कुमार बोरकर के खिलाफ थाना डूंडासिवनी में अपराध क्रमांक 221/25, धारा 318, 319 बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया। पुलिस ने आरोपी के पास से ठगी के 9,000 रुपये नकद और एक मोबाइल फोन जब्त किया है।
इस कार्रवाई में निरीक्षक सतीश तिवारी, उपनिरीक्षक मनोज जंघेला, सहायक उपनिरीक्षक बालकृष्ण त्रिगाम, प्रधान आरक्षक संजू उइके, आरक्षक नितेश राजपूत, आरक्षक कृष्णकुमार भालेकर, और आरक्षक सितारा जावरे की टीम शामिल थी।

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