फल हैं महंगे पर जूस है सस्ता!

 

 

(वाणिज्य ब्यूरो)

सिवनी (साई)। जिला मुख्यालय सहित जिले भर में दूषित शीतल पेय पदार्थों की बिक्री, इन दिनों धड़ल्ले से जारी है। आश्चर्य तो इस बात पर होता है कि बाजार में फलों की कीमतों से दस प्रतिशत कीमत पर एक गिलास जूस कैसे मिल पा रहा हैै। जाहिर है कहीं न कहीं मिलावट जमकर ही हो रही है।

आम के भाव 80 रूपये प्रति किलो और उसका एक ग्लास जूस महज दस रूपये में! यह बात हजम नहीं हो रही है, किन्तु जागरूकता के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों और शहर में स्थान – स्थान पर लगी जूस की दुकानों पर आमरस के नाम पर लोग दस रूपये में कैमीकल्स युक्त रस पी रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि व्यवसायियों ने इसके बड़े – बड़े होर्डिंग्स लगा रखे हैं, यह देखने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी कोई पहल नहीं कर रहे हैं।

अप्रैल के आरंभ से ही पारा अपने सारे रिकॉर्ड तोड़़ रहा है। शुक्रवार 26 अप्रैल को भी दोपहर में तेज धूप से राहत पाने के लिये लोग तरह – तरह से जतन करते दिखे। ऐसे में गरीब वर्ग के लोग खाने – पीने के लिये वर्जित बर्फ मिला कर रसों का जमकर उपयोग कर रहे है। कुछ व्यवसायी भी मौके का फायदा उठाकर आमरस के नाम पर कैमीकल युक्त रस धड़ल्ले से बेच रहे हैं।

जिले में बहुत सी ऐसी आम की दुकानें व जूस सेंटर मिल जायेंगे किन्तु इन सेंटर्स पर बिकने वाले रस की गुणवत्ता जाँचने की जहमत अब तक किसी ने नहीं उठायी है। यही वजह है कि ग्राहकों को मिलावटी रस दिया जा रहा है, लेकिन हकीकत में यह रसायन ही रहता है। हालांकि कई स्थानों की जाँच में भी यह प्रमाणित हो चुका है जूस में आम नहीं, बल्कि सैक्रीन, अरारोट जैसे कैमीकल अधिक मात्रा में होते हैं। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

शहर में कई स्थानों पर दस रूपये में फलों के जूस के नाम पर कैमीकल युक्त रस लोगों को पिलाकर उनकी सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार जूस में फलों का स्वाद देने के लिये एसेंस, अरारोट एवं अन्य घातक कैमीकल पदार्थों की मिलावट की जा रही है, जो स्वास्थ्य के लिये बेहद घातक साबित हो सकती है।

इन दिनों शहर में आम 60-80 रूपये किलो बिक रहा है। इसी प्रकार अनार 150 से 160 रूपये, संतरा 50-60 रूपये किलो, अंगूर 110-120 रूपये किलो बिक रहा है। वहीं इन फलों के जूस सस्ते दामों पर उपलब्ध है इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसे दुकानदार कितनी ईमानदारी से जूस बेच रहे होंगे।

बाजार में मिलने वाले गन्ना रस पीने में भले ही स्वादिष्ट लगे, लेकिन कई ठेले वाले गन्ना रस में भी मिलावट करने से नहीं चूक रहे हैं। पूर्व में गन्ना रस का व्यापार कर चुके शहर के एक व्यक्ति ने बताया कि गन्ने की मिठास को बढ़ाने के लिये सेक्रीन के पानी का उपयोग किया जाता है।

जिला चिकित्सालय के आरएमओ डॉ.पुरूषोत्तम सूर्या ने बताया कि कैमीकल की मिलावट से बनने वाले रस शरीर में डायरिया, लीवर, पेटदर्द आदि बीमारी को जन्म देता है। इसलिये लोगों को फल खरीदकर घर पर ही उसका जूस निकालकर पीना चाहिये। गर्मी के समय जब भी बाहर निकलंे तो सड़क के किनारे बिकने वाले दूषित पेय पदार्थ का सेवन करने से बचना चाहिये, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिये घातक साबित हो सकता है।

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