जिले के आला अधिकारी बने झाबुआ पॉवर के दरबारी!
(विशेष प्रतिनिधि)
सिवनी (साई)। देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पॉवर लिमिटेड के द्वारा सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकास खण्ड में संस्थापित किये जा रहे कोल आधारित पॉवर प्लांट प्रबंधन को जिला कलेक्टर के आदेश की परवाह नहीं दिख रही है।
तीन सालों में जिले में पदस्थ आला अधिकारियों को भी इतनी फुर्सत नहीं मिल पायी है कि वे तत्कालीन जिला कलेक्टर के आदेश का पालन सुनिश्चित करवा सकें। जिला पंचायत के उपाध्यक्ष चंद्रशेखर जयंत चतुर्वेदी के द्वारा तत्कालीन जिला कलेक्टर धनराजू एस. एवं तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक अवध किशोर पाण्डेय को तत्कालीन जिला कलेक्टर भरत यादव द्वारा 20 मार्च 2015 को झाबुआ पॉवर लिमिटेड को कोयला आधारित ताप विद्युत परियोजना में कोयला आपूर्ति हेतु सड़कों के उपयोग की दी गयी सशर्त अनुमति के उल्लंघन की बात लिखकर कोयला परिवहन कर रहे वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की माँग की गयी थी।
इसके बाद लगातार ही मेसर्स झाबुआ पॉवर लिमिटेड के द्वारा घंसौर क्षेत्र में निर्धारित से अधिक क्षमता से लदे फदे कोयले के भारी वाहनों से कोयले का आनन – फानन परिवहन कराया जा रहा है। संयंत्र के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि बिनैकी में रेल्वे स्टेशन बनने के बाद कोयला यहाँ से संयंत्र तक ले जाया जा रहा है पर इसमें भी प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के नियम कायदों को सरेआम धता ही बतायी जाती रही है।
वहीं, क्षेत्र के लोगों का कहना है कि संयंत्र के लिये कोयले की आपूर्ति के लिये चलने वाले भारी वाहनों के द्वारा आये दिन कोई न कोई दुर्घटना भी कारित की जा रही है। इतना ही नहीं, कंपनी के लिये कोयला लाने वाले वाहनों के द्वारा शालाओं, रिहायशी क्षेत्रों आदि से भी धूल उड़ाते हुए कोयले का परिहवन धड़ल्ले से किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र में रोष और असंतोष पनपता जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि तत्कालीन जिला कलेक्टर भरत यादव द्वारा बीस मार्च 2015 को पत्र क्रमाँक 181/ भूअ/ 2015 के जरिये झाबुआ पॉवर लिमिटेड को कोल परिवहन की सशर्त अनुमति दी गयी थी। इस पत्र की प्रति प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग, प्रमुख सचिव राजस्व विभाग, प्रमुख सचिव वन विभाग, प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग, आयुक्त जबलपुर संभाग, मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विभाग प्राधिकरण, सचिव, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, कलेक्टर जबलपुर, पुलिस अधीक्षक जबलपुर, पुलिस अधीक्षक सिवनी, मुख्य अभियंता सिंचाई, बरगी हिल्स जबलपुर, वन मण्डल अधिकारी दक्षिण (सामान्य) वन मण्डल सिवनी, वन मण्डल अधिकारी, जबलपुर, परियोजना निदेशक, राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण, महाप्रबंधक, मध्य प्रदेश रोड डेव्हलपमेंट कॉर्पोरशन, महाप्रबंधक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण आदि को प्रेषित की गयी थी।
जिला कलेक्टर सिवनी के इस पत्र में साफ तौर पर इस बात का उल्लेख किया गया था कि प्रबंधक मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के द्वारा मेसर्स झाबुआ पॉवर लिमिटेड के द्वारा किये जाने वाले कोयला परिवहन में इंडियन रोड काँग्रेस (आईआरसी) के मानक द्वारा निर्धारित भार क्षमता से ही कोयला परिवहन सुनिश्चित किया जायेगा।
इस कण्डिका में कलेक्टर सिवनी ने इस बात का उल्लेख भी किया था कि निर्धारित क्षमता से अधिक भार का परिवहन अगर किया जाता है तो मार्ग को होने वाली क्षति के रख रखाव पर होने वाले वास्तविक खर्च की पूर्ति मेसर्स झाबुआ पॉवर लिमिटेड कंपनी के द्वारा वहन किया जायेगा।
इसके बाद भी 2015 से अब तक झाबुआ पॉवर लिमिटेड के द्वारा जिला कलेक्टर के आदेश का न तो पालन सुनिश्चित कराया गया है और न ही घंसौर में जिला प्रशासन के नुमाईंदों के द्वारा ही इस ओर ध्यान देने की जहमत उठायी गयी है।