खुले में कचरे का परिवहन है घातक, बने हैं इसके लिए नियम
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। नगर पालिका परिषद के द्वारा रोजाना शहर के अंदर रोजाना कई टन कचरा बटोरकर उसे शहर के बाहर फेंका जाता है। पालिका के द्वारा हाथलन नियम 2000 का पालन नहीं किया जाता है। इस नियम के तहत खुली ट्रॉली, कंटेनर आदि में कचरे का परिवहन प्रतिबंधित किया गया है।
ज्ञातव्य है कि नगर पालिका परिषद के द्वारा डोर टू डोर कचरा एकत्र करने के बाद उसे शहर के अंदर ही अनेक स्थानों पर डंप कर जेसीबी कंपनी की मशीन के द्वारा डंपर्स, ट्रैक्टर्स में भरकर इसे शहर से बाहर फेंका जाता है। इन डंपर्स, ट्रैक्टर्स में बिना किसी तिरपाल के ही खुले में कचरा लेकर जाया जाता है जिससे रास्ते भर कचरा उड़ता दिखता है।
नगर पालिका के दावों को अगर सही माना जाये तो वर्तमान में मानसून पूर्व नाले नालियों की सफाई की जा रही है। नाले नालियों से निकलने वाले कचरे को पालिका के द्वारा डंपर्स या ट्रैक्टर्स में भरकर ही शहर के बाहर ले जाकर फेंका जाता है। शहर में पालिका की कचरा गाड़ियों के हाल देखकर यही कहा जा सकता है कि पालिका को हाथलन नियम 2000 याद नहीं है।
बताया जाता है कि हाथलन नियम 2000 के तहत वाहनों में कचरा भरकर उनका खुले में परिवहन प्रतिबंधित है। वाहनों में कचरा भरने के बाद उसे कवर करके यानी तिरपाल आदि से ढंककर परिवहन करना अनिवार्य होता है। ऐसा न करने वाले नगरीय निकाय के कर्मचारी अथवा ठेकेदार कार्रवाई के दायरे में आते हैं, लेकिन, शहर में इस नियम को ठेंगे पर रख दिया गया है। नगर पालिका के डम्पर, ट्रैक्टर तो बिना ढंके कचरा भरकर धमाचौकड़ी मचा ही रहे हैं।
नगर पालिका के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि नियमानुसार शहर के अंदर जिस स्थान पर कचरा डंप किया जा रहा है उस स्थान पर रोजाना ही कीटनाशक एवं अन्य दवाओं का छिड़काव किया जाना चाहिये। सूत्रों की मानें तो पालिका में हर माह इस मद में कीटनाशकों और रसायनों की कागज में खरीद तो की जा रही है पर इनका छिड़काव अब तक नहीं किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि नगर पालिका में सफाई कर्मियों को दस्ताने, मास्क, गंबूट आदि दिये जाने का प्रावधान है। सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने भी इस मामले में पालिका के तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी किशन सिंह ठाकुर से अपील की थी, किन्तु आज भी सफाई कर्मियों को बिना दस्ताने, गंबूट मास्क आदि के ही सफाई करते देखा जा सकता है।
इसी तरह सूत्रों ने बताया कि पालिका में इस मद में भी हर माह खरीद की जाती है किन्तु यह खरीद कागजों पर ही होती है। सूत्रों ने कहा कि इस मामले में विपक्ष में बैठी काँग्रेस और निर्दलीय पार्षद भी मौन ही धारित किये हुए हैं। वहीं, पालिका लगातार इस तरह की कार्यप्रणाली अपनाये हुए है कि सफाई कर्मियों के स्वास्थ्य पर अगर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा हो तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिये।