(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। प्रियदर्शनी के नाम से सुशोभित जिला चिकित्सालय के ऑपरेशन थियेटर में संक्रमण का खतरा हो या न हो लेकिन अस्पताल के संवेदनशील वार्डों में संक्रमण हर जगह दिखायी देता है।
अमूमन निजि अस्पतालों में इस तरह के संवेदनशील वार्डों में जूते – चप्पल पहनकर आना और बाहर का संक्रमित सामान लेकर आना प्रतिबंधित होता है लेकिन, जिला अस्पताल के आईसीयू, बर्न वार्ड और सर्जिकल वार्डों में इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है जबकि, यहाँ भर्त्ती लोगों को धूल और अन्य चीजों के साथ आने वाले बैक्टीरिया से संक्रमण का खतरा बना रहता है।
जिला अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में ऑपरेशन के बाद सर्जिकल वार्डों में भर्त्ती मरीज, एक्सीडेंट में घायल होकर आने वाले मरीज और आग से झुलसे हुए मरीजों को जिन वार्डों में रखा जाता है, उन वार्डों में हर स्थान पर संक्रमण का खतरा बना रहता है। यहाँ तक कि जिला अस्पताल के ड्रेसिंग रूम के भी हालात ऐसे ही हैं।
इन सब का एक ही कारण है। इन संवेदनशील वार्डों में लोगों के प्रवेश पर नियंत्रण नहीं है। जूते – चप्पल और खाने – पीने का ऐसा सामान जो संक्रमण फैलाता है, इस तरह का सामान लेकर लोग वार्ड में प्रवेश कर जाते हैं। इसके चलते मरीजों के जख्मों में बैक्टीरिया जनित संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।
फिलहाल सर्जिकल वार्ड में मरीज के साथ आने वाले मरीजों के परिजन मरीज के पास ही बैठकर खाना खाते हैं, जिस पर मण्डराने वाली मक्खियां जख्मों पर बैठती हैं। मरीजों के परिजनों और बाहर से आने वाले लोग धूल, कीचड़ और गोबर से सने चप्पल – जूते पहनकर वार्डों में आते हैं।
कमोबेश यही हाल आई वार्ड का भी है, जहाँ ऑपरेशन के बाद नेत्र रोगियों को रखा जाता है। अस्पताल का बर्न वार्ड भी इस समस्या से अछूता नहीं है जबकि, डॉक्टर्स के मुताबिक बर्न वार्ड में भर्त्ती मरीजों के खुले जख्मों पर अगर जरा भी बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाता है तो मरीज की संक्रमण से जान तक चली जाती है।
(क्रमशः जारी)

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