बिना शिक्षकों के 5वीं, 8वीं बोर्ड : कैसे सुधरेंगे परिणाम?

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। प्रदेश सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2019 – 2020 से कक्षा पाँचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं पुनः प्रारंभ करने का निर्णय लिया है, जो स्वागत योग्य है, लेकिन अधिकांश सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में एक या दो शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षकों के अभाव में बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम कैसे सुधरेंगे?

संत रविदास मिशन के द्वारा उक्ताशय की बात कहते हुए कहा गया है कि यदि सरकार सरकारी स्कूली के बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहती है और बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम सुधारना चाहती है तो 01 जुलाई तक सभी स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों की भर्त्ती की जाये। मिशन के द्वारा इसके सहित छः सूत्रीय माँगें लागू करने रविदास शिक्षा मिशन सरकार को भेजी हैं।

ज्ञातव्य है कि पिछले दस साल से कक्षा पहली से आठवीं तक सबको पास करने और कक्षा पाँचवी और आठवीं बोर्ड परीक्षाएं समाप्त कर देने से शिक्षा का स्तर शर्मनाक हो गया था। सरकार ने गत दिवस कक्षा पाँचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं पुनः प्रारंभ करने का निर्णय लिया है, जिसका रविदास शिक्षा मिशन के संरक्षक डॉ.एल.के. देशभरतार, अध्यक्ष रघुवीर अहरवाल, उपाध्यक्ष ज्ञानीलाल अहरवाल, सचिव अरविंद बाघ्या आदि ने स्वागत किया है।

इसके साथ ही उन्होंने छः सूत्रीय माँगें लागू करने प्रदेश सरकार से अपील की है। इसमें 01 जुलाई तक सभी सरकारी स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों की भर्त्ती की जाये, गैर शैक्षणिक कार्य जैसे : मध्यान्ह भोजन, साईकिल, छात्रवृत्ति, दूध, ड्रेस वितरण आदि के लिये सभी स्कूलों में प्रबंधक की नियुक्ति की जाये।

विज्ञप्ति के अनुसार अक्सर देखा जाता है कि सरकारी स्कूलों के शौचालयों और परिसर को असामाजिक तत्व गंदा करते हैं, स्कूलों में तोड़फोड़ भी करते हैं अतः सभी सरकारी स्कूलों में स्थायी रूप से सफाईकर्मी सहित चौकीदार की नियुक्ति की जाये। अपने परिवार से अत्याधिक दूर पदस्थ महिला शिक्षकों को उनके परिवार के समीप स्थानांतरित किया जाये।

विज्ञप्ति के अनुसार कक्षा नवमीं से रोजगार दायक तकनीकी शिक्षा लागू की जाये एवं सभी बोर्ड परीक्षाओं में 50 प्रतिशत से कम परीक्षा फल देने वाले स्कूलों के प्रधान पाठकों और प्राचार्यों की एक वेतनवृद्धि रोकी जाये, वहीं 75 प्रतिशत या उससे अधिक परीक्षा परिणाम देने वाले संस्थाओं के प्रभारी को एक वेतनवृद्धि का लाभ पुरूस्कार के रूप में दिया जाये।

रविदास शिक्षा मिशन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ से उक्त माँगें लागू करने की अपील की है, जिससे शिक्षा का स्तर सुधरेगा और बड़ी संख्या में बेरोजगार युवाओं को अच्छा रोजगार मिलेगा।

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