खानापूर्ति हो रही मतदान जागरूकता अभियान में!

 

 

ग्रामीण अंचलों में कागजों पर ही चल रहा स्वीप प्लान!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। शत प्रतिशत मतदान के लक्ष्य को लेकर आरंभ कराये गये स्वीप प्लान में अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा शासन प्रशासन की मंशा पर पानी फेरा जा रहा है। ग्रामीण अंचलों में स्वीप प्लान के तहत महज कागजी खानापूर्ति की जाती दिख रही है। ग्रामीण अंचलों में यह अभियान महज कागजों पर ही चलता नजर आ रहा है।

जिले में अनेक स्थानों से मतदान बहिष्कार की खबरों के आने से इस स्वीप प्लान पर सवालिया निशान लगते दिख रहे हैं। जिला मुख्यालय में भले ही इस अभियान के तहत गतिविधियों का आयोजन युद्ध स्तर पर कराया जा रहा हो, पर जब अर्द्ध शहरी या ग्रामीण अंचलों की बात आती है तो इस अभियान की गति मंथर ही नजर आने लगती है।

जिला प्रशासन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि अधिकारियों के द्वारा गर्मी के मौसम में सिर्फ बैठकें लेकर ही स्वीप गतिविधियों को कराये जाने की बात कही जा रही है, जबकि संचार क्रांति के इस युग में बैठकों की बजाय मोबाईल पर ही निर्देश दिये जाकर ग्रामीण अंचलों से फोटो और वीडियो बुलवाये जा सकते हैं।

सूत्रों का कहना था कि जहाँ हाट बाजार का आयोजन होता है वहाँ इस तरह की गतिविधियों का आयोजन अगर व्यापक स्तर पर कराया जाये तो इसके अच्छे प्रतिसाद सामने आ सकते हैं। इसके अलावा कुछ संगठन तो महज नाम के लिये ही इस अभियान से जुड़े दिखते हैं पर जमीनी स्तर पर इन संगठनों की गतिविधियां स्वीप प्लान को लेकर शून्य ही नजर आती हैं।

सूत्रों ने कहा कि जिले में रोजगार के साधनों का अभाव किसी से छुपा नहीं है। चैत की फसल काटने के लिये चैतुआ मजदूरों का पलायन होली के उपरांत लगातार जारी है। इसके अलावा रोजगार के लिये अनेक ग्रामों के लोग अन्य शहरों की ओर रूख कर चुके हैं।

सूत्रों ने आगे कहा कि इसके साथ ही जिले के केवलारी के खरसारू, किंदरई के आमाखोह और दूसरे गाँवों में हाल के दिनों में चुनाव बहिष्कार की खबरें सामने आयीं थीं। हालांकि प्रशासन ने लोगों को मना लिया लेकिन दूसरे गाँव प्रशासन के लिये परेशानी का सबब बन सकते हैं। पिछले विधान सभा चुनावों में घंसौर लखनादौन के दर्जनभर गाँवों में भी मतदान के बहिष्कार की अपील के बाद काफी कम मतदान हुआ था।

ज्ञातव्य है कि विधान सभा चुनावों के पहले तत्कालीन जिला कलेक्टर गोपाल चंद्र डाड (जो कि सोशल मीडिया व्हाट्सएप पर अपेक्षाकृत ज्यादा सक्रिय रहा करते थे) को समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के द्वारा चिकित्सकों की दवा पर्ची पर मतदान करने की अपील करने का मशविरा दिया गया था।

इस मशविरे के उपरांत गोपाल चंद्र डाड के द्वारा जिले के सभी अस्पतालों और निजि चिकित्सकों से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के जरिये अपील करवायी गयी थी कि डॉक्टर्स अपनी प्रिस्क्रिप्शन पर्ची में मतदान अवश्य करने की अपील करें। इसके अच्छे प्रतिसाद भी सामने आये थे।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वीप गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं. ग्रामीण इलाकों में आयोजन की प्रक्रिया जारी है. इन गतिविधियों को और तेज किया जायेगा.

मंजूषा राय, सीईओ,

जिला पंचायत सिवनी.

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