मंगलकारी रवि योग में विराजेंगे मंगलमूर्ति

 

 

देंगे सुख-समृद्धि का आशीष

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। इस वर्ष मंगलकारी रवि योग में घर-घर मंगलमूर्ति की स्थापना होगी। रवि योग के साथ हस्त और चित्रा नक्षत्र के संयोग में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना भक्तों को सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करेगी।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस साल रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश पिता महादेव के प्रिय दिन सोमवार यानी 02 सितंबर को घरों के साथ गणेश पंडालों और लोगों के घरों में विराजित होंगे। हरतालिका तीज पर उठे संशय के बावजूद 02 सितंबर को भगवान गणेश की स्थापना करना शास्त्र सम्मत होगा।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन मध्यान्ह काल में हुआ था। इस वर्ष 02 सितंबर को चतुर्थी तिथि सुबह 04.57 बजे से रात 01.54 बजे तक रहेगी। इसी दिन सूर्याेदय से सुबह 08.32 बजे तक हस्त नक्षत्र और इसके बाद मंगलकारी चित्रा नक्षत्र रहेगा। इसके साथ ही 02 सितंबर को सुबह 08.33 से 03 सितंबर को सुबह 06.24 बजे तक रवि योग भी होगा।

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म मध्यान्ह काल में हुआ था। इसके चलते मध्यान्ह काल में भगवान की स्थापना करना श्रेष्ठ है। इस दिन सुबह 11.04 से दोपहर 01.37 बजे तक गणेश पूजन के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त है। यह अवधि करीब 02 घंटे 32 मिनट की रहेगी।