(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। भले ही प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में सफाई और सुरक्षा के नाम पर हर माह लाखों रूपयों की होली खेली जा रही हो पर जमीनी हालात देखकर यही प्रतीत होता है कि अस्पताल की सफाई और सुरक्षा के काम को न तो ठेकेदार कंपनी के द्वारा उचित तरीके से निष्पादित किया जा रहा है और न ही अस्पताल प्रशासन के द्वारा इसका समय – समय पर सर्वेक्षण ही किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि नियमों के अनुसार कंपनी को अस्पताल के हर वार्ड की सफाई दिन में चार बार की जानी चाहिये, किन्तु एक बार भी अस्पताल की सफाई करीने से न किये जाने से अस्पताल में चहुंओर गंदगी पसरी हुई है।
सूत्रों ने कहा कि अस्पताल के अंदर सूअर, आवारा कुत्तों और आवारा मवेशियों की फौज का डेरा चौबीसों घंटे देखा जा सकता है। जिला चिकित्सालय में अस्पताल प्रशासन के द्वारा करायी जाने वाली साफ – सफाई के अलावा नगर पालिका परिषद के द्वारा भी अस्पताल के अंदर दवाओं और रसायनों का छिड़काव कागजों पर अवश्य किया जाता है।
इसी तरह सूत्रों ने बताया कि जब भी किसी मरीज के द्वारा मच्छरों से होने वाली परेशानी का हवाला पेरा मेडिकल स्टॉफ को दिया जाता है वैसे ही कर्मचारियों के द्वारा अपने स्तर पर ही मच्छरदानी और मच्छर मारने वाली अगरबत्तियों को लाने की बात कहकर अपनी जवाबदेही पूरी कर ली जाती है।
सूत्रों ने आगे बताया कि अस्पताल के कमोबेश हर वार्ड में मरीजों के पलंग, उनके सामान रखने की आलमारियों के अलावा पेरामेडिकल स्टॉफ के बैठने के स्थान और उनकी आलमारियों में भी भारी तादाद में मच्छर, मक्खी और कॉकरोच धूमते दिख जाते हैं। रात में जब वार्ड सुनसान हो जाते हैं तब कॉकरोच निकलकर मरीजों को परेशान करते नजर आते हैं।