वृषभ पर सवार होकर आयेंगी माँ भवानी

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। शहर के मंदिरों और देवालयों में लगभग तीन दिन बाद से माँ दुर्गा की आराधना के स्वर गूंजने लगेंगे। इस बार शनिवार छः अप्रैल से चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो रही हैं। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार कौमारी रूप में नौदुर्गा बैल (वृषभ) पर सवार होकर आयेंगी। नवरात्र समापन पर माँ दुर्गा 14 अप्रैल को शेर (सिंह) पर सवार होकर बिदा होंगी।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार नवरात्र में माँ दुर्गा सभी भक्तों के दुःख हरेंगी। यही नहीं जिन युवतियों के विवाह नहीं हो रहे हैं इस बार वह नवरात्र में माँ दुर्गा की पूजा – अर्चना करेंगी तो उन्हें इच्छित वर की प्राप्ति होगी।

ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि इस बार नवरात्र पर कन्या पूजन का बहुत महत्व है। इस बार नवरात्र पूरे नौ दिन की हैं। पिछले वर्ष आठ दिन की थीं। अष्टमी के दिन ही रामनवमीं मनायी जायेगी। सात अप्रैल को सर्वार्थसिद्धी योग है। साथ ही 09, 10 व 12 अप्रैल की तिथि में सोना, चाँदी के आभूषण और वाहन आदि की खरीददारी व आठ अप्रैल को गणगौर तीज और बुधवार का दिन होने से व्यापार (भूमि, भवन, वाहन) के लिये शुभ मुहूर्त पूरे दिन रहेगा।

उन्होंने बताया कि वैसे नवरात्रि पर कोई विशेष पुष्य नक्षत्र नहीं हैं लेकिन तिथियों के दिन ही शुभ योग हैं। 14 अप्रैल को नवरात्र समाप्ति के साथ खरमास भी समाप्त हो जायेंगे। 15 अप्रैल से माँगलिक कार्य प्रारंभ हो जायेंगे।

निराकार स्वरूप में माता की पूजा : ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि चैत्र नवरात्र में देवी की निराकार रूप में पूजा – अर्चना की जाती है। साढ़े 07 बजे से 09 बजे तक शुभ चौघड़िया, 12 से साढ़े 04 बजे तक चर, लाभ और अमृत की चौघड़िया में घट स्थापना एवं व्रत पूजा संकल्प के लिये शुभ रहेगा।