जिला मुख्यालय में लोग करते हैं खुले में शौच!

 

 

ओडीएफ कार्यक्रम चल रहा कागजों पर!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। देश के प्रधान मंत्री सफाई अभियान की लाख दुहाई दें किन्तु सिवनी शहर में आज भी अनेक परिवार खुले में शौच करने को मजबूर हैं। शहर की झुग्गी बस्ती इलाकों में आज भी महिलाओं और पुरूषों को हाथ में पानी की बोतल या डिब्बा लेकर दिशा मैदान जाते देखा जा सकता है।

समग्र स्वच्छता अभियान के तहत अब तक लाखों करोड़ों रूपयों की इमदाद हवा में उड़ा दी गयी है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण अगर जिला प्रशासन देखना चाहे तो शहर की झुग्गी बस्तियों यहाँ तक कि मुख्य मार्ग के अनेक घरों में जाकर देख सकता है। इन घरों में शौचालय का अता पता नहीं है।

शहर की झुग्गी बस्तियों में आज भी पक्के शौचालय या सार्वजनिक शौचालयों के न होने से लोग खुले में शौच करते नजर आ ही जाते हैं। कटंगी नाका, बरघाट नाका, डूण्डा सिवनी, नागपुर नाका सहित जिला मुख्यालय के कमोबेश हर नाके के आसपास लोग सुबह सवेरे ही दिशा मैदान के लिये प्रस्थान करते दिख जाते हैं।

बताया जाता है कि सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं के साथ सामने आती है। मुँह अंधेरे की बात तो ठीक है किन्तु दिन निकलने के बाद महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा नगर पालिका परिषद के द्वारा सूअरों के साथ बरती जा रही अनदेखी के कारण खुले में शौच करने वाले सूअरों को भी भगाते देखे जा सकते हैं।

जिले के खाली मैदानों, सड़क किनारे मुँह अंधेरे लोगों को खुले में शौच करते आसानी से देखा जा सकता है। जिला मुख्यालय को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिये झुग्गी बस्ती या जहाँ पक्के मकानों की बसाहट नहीं है वहाँ सुलभ शौचालय बनाये जा सकते हैं पर प्रशासन के द्वारा इस तरह की कवायद नहीं की जा रही है।

जिला मुख्यालय में सुलभ शौचालयों की बात अगर की जाये तो बस स्टैण्ड, जिला अस्पताल, कलेक्ट्रेट परिसर, बुधवारी बाजार में ही सुलभ शौचालय हैं। जिला अस्पताल में सुलभ शौचालय होने के बाद यहाँ दूसरा सुलभ शौचालय बनाने की कवायद की जा रही है, जिसकी बजाय झुग्गी बस्ती में अगर इसे बनाने की कवायद की जाती तो यह लोगों के काम आता।

शहर से लगे मजरे टोलों में हालत और भी भयावह हैं। शहर में सुलभ शौचालयों के अभाव से समस्या और गहरा जाती है। नगर पालिका के द्वारा बनाये गये सार्वजनिक शौचालयों की नियमित सफाई न होने से गंदगी बजबजाती नजर आती है। जिला प्रशासन से जनापेक्षा की जा रही है कि जिला मुख्यालय को खुले से शौच के अभिशाप से मुक्त कराने पुख्ता इंतजामात करवाये जायें।

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