पुलिस है सुस्त, चोर हैं मस्त!

 

 

महज 20 दिनों में चोरी की वारदातों में हुई विस्फोटक बढ़ौत्तरी

(संतोष बर्मन)

घंसौर (साई)। घंसौर क्षेत्र में चोरी की वारदातों में विस्फोटक बढ़ौत्तरी से नागरिकों की नींद हराम हो गयी है। 10 से 30 अप्रैल के बीच क्षेत्र में हुईं चोरी की वारदातों ने पुलिस की कार्यप्रणाली और गश्त पर प्रश्न चिन्ह लगा दिये हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल महीने की 10 तारीख से महीने के अंत तक लगभग दस चोरी की छोटी – बड़ी घटनाओं को चोरों के द्वारा बेखौफ होकर अंजाम दिया गया है। यह सब कुछ उस समय होता रहा जब लोकसभा चुनावों को लेकर पुलिस हाई एलर्ट पर थी।

पुलिस के द्वारा मोबाईल चोरी की छोटी मोटी वारदातों को सायबर सेल की मदद से सुलझाकर अपनी पीठ ठोकी जा रही है। चोरी की बड़ी वारदातों के मामले में पुलिस खाली हाथ ही नजर आ रही है। एक के बाद एक चोरियों के सिलसिले के बाद लोगों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाना आरंभ कर दिया है।

बताया जाता है कि 13 एवं 14 अप्रैल की दरमियानी रात पुलिस थाने के सामने लगभग साठ मीटर की दूरी पर एक चिकित्सक वीरेंद्र सिंगमारे के सूने मकान को चोरों ने अपना निशाना बनाया था। इतना ही नहीं इसी रात चोरों ने वन विभाग के उत्पादन कार्यालय के बाजू में स्थित फॉरेस्ट कॉलोनी में वन रक्षक संतोष मरावी, नंद कुमार बरकड़े, रमन यहके के निवास पर भी चोरी की घटना को अंजाम दिया था।

इसके अलावा 23 अप्रैल को शांति नगर में रहने वाले शिक्षक गोविंद उईके, फग्गू लाल उईके एवं 29 अप्रैल की मध्य रात्रि पोस्ट मेन राजाराम जंघेला के निवास पर चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया। एक के बाद एक चोरियों के बाद भी पुलिस के द्वारा न तो रात्रि गश्त वाले अधिकारियों के खिलाफ की कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही की गयी है और न ही बाहर से आने वाले लोगों की मुसाफिरी दर्ज कराने में ही दिलचस्पी ली जा रही है।

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