चौराहे पर यातायात नियंत्रण के साथ मवेशियों को भी हकाल रहे पुलिस कर्मी!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। नगर पालिका प्रशासन को शहर के रहवासियों की सुख सुविधाओं से ज्यादा सरोकार नज़र नहीं आ रहा है। भाजपा शासित नगर पालिका परिषद के राज में शहर की सड़कों पर आवारा मवेशी स्वच्छंद विचरण कर रहे हैं। आलम यह है कि चौक चौराहों पर यातायात पुलिस के कर्मचारियों के द्वारा यातायात नियंत्रण के साथ ही आवारा मवेशियों को हकालने का काम भी करना पड़ रहा है।
नगर पालिका के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि भाजपा शासित नगर पालिका परिषद में सत्ताधारी और विपक्ष में बैठे काँग्रेस के पार्षदों को अब शहर वासियों की बुनियादी सुविधाओं से ज्यादा सरोकार नहीं रह गया है। शहर में आवारा मवेशी, कुत्ते, सूअर गधे इस तरह विचरण कर रहे हैं मानो शहर की सड़कें नहीं जंगल हो।
सूत्रों ने बताया कि पिछले साल तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा के पहले अवश्य ही हाका गेंग सड़कोें पर नज़र आयी थी, किन्तु तत्कालीन मुख्यमंत्री के जाते ही हाका गेंग भी गधे के सिर से सींग की तरह ही गायब हो गयी। लोगों के प्रतिष्ठानों के सामने सुबह सवेरे पशुओं के मल, गोबर, पेशाब आदि की गंदगी से दुकानदारों को रोज ही दो-चार होना पड़ रहा है।
इसके साथ ही सूत्रों ने कहा कि शहर के चौक चौराहों पर यातायात को नियंत्रित करने के लिये तैनात यातायात पुलिस के सिपाहियों को यातायात नियंत्रण करने के साथ ही साथ आवारा मवेशियों को भगाने का काम अलग से करना पड़ रहा है। इसके लिये यातायात पुलिस के द्वारा भी अब तक नगर पालिका से शिकायत करने की जहमत नहीं उठायी गयी है।
सूत्रों ने बताया कि शहर में आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिये बकायदा एक विशेष तरह की ट्रॉली है। कुछ दिन तक तो आवारा कुत्तों को पकड़ने का काम किया गया, किन्तु उसके बाद यह काम भी बंद कर दिया गया। बारिश में हिसंक हो रहे कुत्तों की टोलियां लोगों को अपना निशाना बना रही हैं।
इसी तरह शहर में सूअरों ने लोगों की नाक में दम कर रखा है। जिन घरों में चारदीवारी और चारदीवारी में गेट नहीं हैं, उनके घरों के अंदर तक आवारा सूअरों की धमक देखी जा सकती है। रिक्त पड़े भूखण्डों पर सूअरों ने अपना डेरा जमाया हुआ है। यही नहीं यहाँ सूअरों के द्वारा बच्चे भी दिये गये हैं।
इतना ही नहीं, आवारा घूमते मवेशियों के चलते जब चाहे तब यातायात बाधित होता नज़र आता है। शहर का शायद ही कोई कोना बचा हो जहाँ आवारा जानवरों की धमक नहीं सुनायी देती हो। बारिश के दिनों में आवारा मवेशियों के द्वारा प्रतिष्ठानों के बाहर लगे शेड आदि में शरण ली जाती है और सुबह ये वहीं गोबर आदि कर देते हैं। व्यापारी जब आते हैं तो उन्हें अपना प्रतिष्ठान खोलने के साथ ही इसकी सफाई अलग से करना पड़ता है।
लोगों का कहना है कि भाजपा शासित नगर पालिका परिषद के द्वारा पता नहीं क्यों इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोगों ने इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया है कि यह सब देखने सुनने के बाद जिला प्रशासन के द्वारा भी नगर पालिका परिषद के खिलाफ किसी तरह का कदम नहीं उठाया जा रहा है।
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