शारदेय नवरात्र की तैयारियां आरंभ

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

छपारा (साई)। जगत जननी दुर्गा देवी का आगमन 29 सितंबर को हो रहा है। इस बार माता पूरे दस दिनों के लिये भक्तों के घर आ रही हैं, उन्हें मनाने और प्रसन्न करने के लिये भक्त विविध प्रकार से पूजन अर्चन करेंगे।

छपारा नगर में लगभग 20 स्थानों पर माँ जगदम्बे की प्रतिमाओं की स्थापना की जाती हैं, इन सार्वजनिक दुर्गा पण्डालों में माता के आगमन की तैयारियां आरंभ हो चुकी है। विभिन्न प्रकार की झाँकियों के साथ पण्डाल बनाने की तैयारी प्रारंभ हो गयी है। साथ ही आधुनिकता की झलक भी इस बार उत्सव के दौरान दिखायी देगी।

शारदेय नवरात्र को लेकर मूर्तिकार माँ दुर्गा के भव्य स्वरूप को संवारने में दिन-रात जुटे हुए हैं। इसके लिये मूर्तिकार माँ दुर्गा की प्रतिमाओं को लगभग अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। कलाकारों ने बताया कि प्रतिमा निर्माण में इस बार भारी बारिश के चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।

मूर्तिकारों के अनुसार बारिश की वजह से मिट्टी से निर्मित प्रतिमाएं जल्दी सूख नहीं पा रही हैं। इस कारण प्रतिमाओं को रंगने और सजाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मूर्तिकारों के अनुसार अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तक सभी प्रतिमाओं को पूर्णतः सजाने और संवारने के लिये भरसक प्रयास जारी हैं।

जानकारों के अनुसार सनातन परंपरा में अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को शारदेय नवरात्रि आरंभ होती है। इस बार नवरात्रि 29 सितंबर से आरंभ होगी जो 08 अक्टूबर को दुर्गा विसर्जन के साथ समाप्त होगी। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है।

ऐसी मान्यता है कि दुर्गा देवी का पूजन विधि सम्मत करने से माता प्रसन्न होती हैं। नवरात्रि के नौ दिन इतने शुभ होते हैं कि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने के लिये मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिये अधिकतर लोग वाहन, मकान,दुकान आदि इन्हीं दिनों में खरीदते हैं।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त : ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 29 सितंबर को सुबह सवा 07 बजे तक नवरात्रि का कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है। इसके बाद सुबह 11ः25 बजे से लेकर दोपहर 12ः20 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में भी कलश की स्थापना कर सकते हैं।

ऐसे करें कलश स्थापना : नवरात्र पर घर में कलश स्थापना करने के लिये उक्त स्थान को पहले गाय के गोबर आदि से पवित्र कर लें, एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछायें। एक कलश पर स्वास्तिक बनायें। इसके बाद कलश पर कलावा बांधे और उसमें जल भरकर रखें। कलश में सुपारी, फूल, इत्र, पंचरत्न, अक्षत और दृव्य भी डालें।

नवरात्रि की अखण्ड ज्योत : जानकारों के अनुसार जिन घरों में नवरात्रि के दौरान अखण्ड ज्योत प्रज्ज्वलित की जाती है, उनमें देवी की विशेष कृपा होती है लेकिन इसके लिये नियमों का पूरा पालन करना होता है। अखण्ड दीप प्रज्ज्वलित करने वाले व्यक्ति को जमीन पर ही सोना चाहिये। ज्योत को बुझने नहीं देना चाहिये। इस दौरान घर में साफ सफाई रखना चाहिये।