अंदाज से बन रही जिला चिकित्सालय में एक्स-रे की रिपोर्ट
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। बरगद के नीचे छांव का टोटा की कहावत को चरितार्थ करते हुए जिले में स्वाथ्य विभाग में एक्स-रे की जाँच के लिये कोई विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने के कारण अस्पताल में एक्स-रे रिपोर्ट को अन्य चिकित्सकों के द्वारा अंदाज से ही देखकर मरीजों का परीक्षण किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.के.सी. मेश्राम वर्षों पूर्व जब जिला चिकित्सालय में पदस्थ थे उस समय उनकी तैनाती बतौर रेडियोलॉजिस्ट ही थी।
सूत्रों ने बताया कि इसके बाद जब से वे प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बने हैं उसके बाद से उनके द्वारा एक्स-रे की रिपोर्ट देखना ही बंद कर दिया गया है। वे प्रथम श्रेणी रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सा अधिकारी हैं। वे चाहें तो अपनी व्यस्त दिनचर्या में से एक घण्टे का समय निकालकर जिला अस्पताल में होने वाले एक्स-रे में अपना विशेषज्ञ ओपिनियन दे सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में जिला चिकित्सालय में रोज होने वाले एक्स-रे में विशेषज्ञ के बिना ही अन्य चिकित्सकों यहाँ तक कि रेडियोग्राफर्स के द्वारा ही अंदाज और अपने अनुभवों के हिसाब से रिपोर्ट दे दी जाती है। नियमानुसार इस रिपोर्ट को देने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ रेडियोलॉजिस्ट को ही है।
विडंबना ही कही जायेगी कि चार सौ बिस्तर वाले जिला चिकित्सालय में सालों से रेडियोलॉजिस्ट का पद रिक्त है पर विधान सभा में इस बात को उठाने की फुर्सत सिवनी के विधायकों को एक डेढ़ दशक में नहीं मिल पायी है। विधायक अगर चाहते तो स्वास्थ्य मंत्री पर दबाव बनाते हुए जिला चिकित्सालय में रेडियोलॉजिस्ट के पद पर किसी चिकित्सक की निुयक्ति अब तक करवा दी गयी होती।
यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि जिले में निजि अस्पतालों को अनुमति देने, मेडिकल बोर्ड में फिट अनफिट का प्रमाण पत्र जारी करने जैसे कामों में रेडियोलॉजिस्ट का होना भी बेहद जरूरी होता है। इसके बावजूद भी रेडियोलॉजिस्ट के बिना इन कामों को कैसे संपादित किया जा रहा होगा, यह शोध का ही विषय है।
प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.के.सी. मेश्राम ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान बताया कि जिला चिकित्सालय में रेडियोलॉजिस्ट का पद सालों से रिक्त है। इस बारे में शासन से बार – बार पत्राचार किया गया है, पर अब तक किसी की भी पदस्थापना यहाँ नहीं की गयी है।
डॉ.के.सी. मेश्राम ने बताया कि जठार अस्पताल, साईराम अस्पताल और जिंदल अस्पताल के संचालकों के द्वारा अपने – अपने स्तर पर इन अस्पतालों में रेडियोलॉजिस्ट को रखा गया है। उन्होंने बताया कि जब तक वे सिवनी अस्पताल में पदस्थ रहे तब तक उनके द्वारा यह कार्य संपादित किया जाता रहा है, अब चूँकि वे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के प्रभार में हैं अतः जिले भर के कामों को देखने के चलते उन्हें समय नहीं मिल पाता है और यही कारण है कि उनके द्वारा अब एक्स-रे नहीं देखे जा पा रहे हैं।
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