(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। शिक्षा के स्तर में सुधार और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिये गठित राज्य शिक्षा सेवा अब मूर्त रूप लेने जा रही है।
मध्य प्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग की महत्वाकांक्षी योजना को लागू करने की कार्यवाही अंतिम चरण में है। इसके अंतर्गत समस्त शैक्षणिक संस्थान को राज्य शिक्षा सेवा के अधीन कर के मॉनीटिरिंग तंत्र को मजबूत किया गया है। स्कूल में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा सुनिश्चित हो सके इसके लिये एरिया एजुकेशन ऑफिसर का पद सृजित किया गया है जो शालाओं के निरीक्षण और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिये उत्तरदायी रहेंगे।
ज्ञातव्य है कि 2013 में एरिया एजुकेशन ऑफिसर के पदों के लिये विज्ञापन जारी कर परीक्षा आयोजीत की गयी थी। इसमें माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक, शिक्षक और अध्यापकों ने भाग लिया था। इसके बाद कुछ विसंगतियों को लेकर कुछ आवेदक हाई कोर्ट की शरण में चले गये थे।
माननीय हाई कोर्ट ने ऐसी लगभग 200 याचिकाओं का निराकरण करते हुये एईओ भर्त्ती का रास्ता साफ कर दिया और जनवरी 2015 में पुनः भर्त्ती प्रकिया प्रारंभ हो गयी है। इसमें लगभग 19 हजार 860 हजार परीक्षार्थियों का वेरिफिकेशन कराया गया। इसके पश्चात प्रधान पाठक संघ सुप्रीम कोर्ट चला गया और माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्णय देते हुए गेंद सरकार के पाले में डाल कर उत्तीर्ण उम्मीदवारों के हितों का संरक्षण करने की बात कही है।
राज्य सरकार द्वारा प्रकाशित राजपत्र में एईओ के लिये सिर्फ और सिर्फ प्रधान पाठक शिक्षक और अध्यापक को ही भर्त्ती हेतु पात्र माना गया है। अब जबकि मध्य प्रदेश में राज्य शिक्षा सेवा लागू होने जा रही है तो सभी वेरिफायड ऐईओ ने 2013 में जारी परीक्षा परिणाम की मेरिट के आधार शीघ्रातिशीघ्र नियुक्ति प्रदान करने हेतु शासन से माँग की है।
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