(ब्यूरो कार्यालय)
छपारा (साई)। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी द्वारा प्रदेश के पटवारियों को 100 फीसदी रिश्वतखोर बयान व 02 अक्टूबर को इंदौर में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों के नामांतरण और बटवारा में रूपये लेने के बयान से पटवारियों में काफी रोष है।
इसके विरोध में तहसील के समस्त पटवारियों द्वारा शुक्रवार को अपना संपूर्ण अभिलेख तहसील कार्यालय में जमा कर, वे अनिश्चित कालीन कलमबंद हड़ताल पर चले गये हैं।
हड़ताल पर गये पटावारियों का कहना है कि काँग्रेस सरकार द्वारा चुनाव के पूर्व अपने वचन पत्र में कहा गया था कि यदि प्रदेश में काँग्रेस की सरकार बनती है तो पटवारियों की वेतन विसंगति दूर की जायेगी लेकिन सरकार बनने के 09 माह बाद भी सरकार द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं की गयी। शासन के समस्त विभागों के कार्य पटवारी करता है।
उनका कहना था कि वर्तमान में पटवारियों द्वारा फसल सर्वे, किसान मोबाइल एप से गिरदावरी आदि समस्त कार्य ईमानदारी से समय सीमा में पूर्ण किये गये हैं। इसके बाद भी पटवारियों के खिलाफ अनर्गल टिप्पणी की जा रही है। इससे प्रदेश के समस्त पटवारियों का मनोबल गिरा है।
पटवारियों का आरोप है कि शासन जानबूझकर पटवारियों के खिलाफ अनर्गल टिप्पणी कर रहा है जिससे उनको फसल क्षति की राहत वितरण न करनी पड़ और सारा ठीकरा पटवारियों के माथे फोड़ दिया जाये, लेकिन विपदा की इस घडी में पटवारी किसान के साथ खड़ा है।
पटवारियों ने बीमा कंपनी के साथ मिलकर खेतों में जाकर सर्वे किया है। जब तक राजनेताओं द्वारा पटवारियों के विरुद्ध दिये गये बयान वापस लेकर माफी नही माँगी जाती है, पटवारियों का वेतनमान में सुधार नहीं किया जाता तब तक प्रदेश के समस्त पटवारी अनिश्चित कालीन कलमबंद हड़ताल पर रहेंगे।
गत दिवस तहसील छपारा के समस्त पटवारियों ने तहसील अध्यक्ष ब्रजेश रजक के नेत्तृत्व में तहसीलदार नितिन गौंड़ को ज्ञापन सौपकर बस्ता जमा किया। बस्ता जमा करते समय तहसील अध्यक्ष ब्रजेश रजक, कार्यवाहक अध्यक्ष सूरेश साहू, उपाध्यक्ष सरिता मर्सकोले, संगठन मंत्री अजय गजभिये, हीरालाल डेहरिया, कार्यालयीन सचिव अभिषेक जायसवाल, प्रीति सहलाम, गायत्री उइके, लक्ष्मी उइके, हीरालाल कुमरे, हरिओम मरकाम, योगेश मर्सकोले अक्षय इनवाती सहित समस्त पटवारी उपस्थित रहे।