गोंडवाना क्रांति स्तंभ का भूमिपूजन 18 को
(ब्यूरो कार्यालय)
गोपालंगज (साई)। हर क्षेत्र में आदिवासी एवं गोंड़ जाति के लोगों की संख्या नगण्य रही है, चाहे राजनीति, शिक्षा, व्यापार और अनेक क्षेत्र रहे हो, हम कब तक राजनीति का शिकार होगें, मध्य प्रदेश न्यायालय ने एक समय आरक्षित एसटी वर्ग सिविल जज की भर्त्ती यह कहते हुए निरस्त कर दी कि हमारे लोग योग्य नहीं पाये गये हम कब तक पिछडे रहेंगे।
उक्त उदगार गढ़ा गोंडवाना संरक्षक संघ जबलपुर के जिला अध्यक्ष किशोरी लाल भलावी ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हम बलिदान स्थल पर कसम खायें कि जो जमीन सरकारी है वह हमारी हो यह देश हमारा हम इस देश के शासक हैं, आओ एक हो और इस देश के शासक बनें।
श्री भलावी ने आगे कहा कि गोंडवाना के अमर शहीद राजा शंकर शाह, कुँवर रघुनाथ शाह ने देशभक्ति की भावना से परिपूर्ण होकर गोंडवाना साम्राज्य के गण मण्डला की राजधानी गढ़ा के ग्राम पुरवा में कुलदेवी माँ मालादेवी के प्रांगण में 1857 को कई जमीदारों एवं 52वीं रेजीमेंट के सैनिकों के साथ दशहरा पर्व के दौरान अंग्रेजी हुकुमत के विरूद्ध शंखनाद करने की तैयारी में लगे थे तभी दो गद्दार सैनिक जमादार सिपाहियों ने योजना क्रियान्वयन से पूर्व डिप्टी कमिश्नर ले-क्लार्क को योजना की जानकारी से अवगत करा दिया और राजा शंकर शाह एवं रघुनाथ शाह को बंदी बना लिया। उन पर झूठा मुकदमा चलाकर देशद्रोह का अपराधी करार देकर मृत्युदण्ड सुना दिया।
इस तारतम्य में 18 सितंबर को जबलपुर में राजा शंकर शाह कुँवर रघुनाथ शाह के 162 बलिदान दिवस पर गोंडवाना क्रांति स्तंभ का भूमिपूजन प्रातः 11 बजे से आयोजित किया गया है।