जप्त बस को पकड़ा यातायात पुलिस ने!

 

 

परिवहन विभाग दिखा रहा चमत्कार! राजस्व संग्रहण में हो रहा घालमेल!

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में चमड़े के सिक्के चल रहे हैं। यहाँ पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी की परवाह नहीं रह गयी है। हाल में एक जप्त बस पता नहीं कैसे सड़कों पर दौड़ने लगी जिसे यातायात पुलिस के द्वारा पकड़ लिया गया। इस बस के पास परमिट नहीं था।

ज्ञातव्य है कि समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी मिली थी कि 07 मार्च को बस नंबर एमपी 22 पी 0267 को परिवहन अधिकारी कार्यालय के द्वारा बस स्टैण्ड से पकड़कर आरटीओ कार्यालय ले जाया गया था। इस बस पर टैक्स बकाया था।

इस बात की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में खड़ी बस के छाया चित्र के साथ समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के द्वारा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी क्षितिज सोनी को व्हाट्सएप पर इस बात की जानकारी दी गयी कि इस बस के पास परमिट नहीं है। इसके जवाब में परिवहन अधिकारी के द्वारा यह लिखा गया कि इसे जप्त कर लिया गया है।

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को सूत्रों के हवाले से शनिवार को यह जानकारी मिली की इसी यात्री बस क्रमाँक एमपी 22 पी 0267 को यातायात पुलिस के द्वारा यातायात थाने के सामने पकड़ा गया। इस बस के पास परमिट नहीं होने के कारण यातायात पुलिस के द्वारा इस कार्यवाही को अंजाम दिया गया।

इस संबंध में परिवहन विभाग का पक्ष जानने आरटीओ क्षितिज सोनी से संपर्क करने का प्रयास किया गया किन्तु उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया। इधर, सूत्रों ने बताया कि अगर किसी बस के पास परमिट नहीं है और वह सड़कों पर दौड़ रही है तो उससे चार गुना पेनाल्टी वसूलने का प्रावधान है।

सूत्रों ने बताया कि 07 मार्च को जब इस बस को परिवहन विभाग के कार्यालय में खड़ा किया गया था तब भी इसके पास परमिट नहीं था। इसके अलावा इस बात की पुष्टि क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने स्वयं व्हाट्सएप पर की थी कि परमिट न होने के कारण इस बस को जप्त कर लिया गया था, फिर 09 मार्च को बिना परमिट के यह बस सड़क पर कैसे उतरी यह शोध का ही विषय है!

सूत्रों ने बताया कि इस बस को जब पकड़कर लाया गया तब परिवहन कार्यालय के लिपिकों के द्वारा गोलमाल किया जाकर इस बस पर टैक्स बकाया होने की बात कही गयी थी। इसी बीच बस मालिक के द्वारा टैक्स अदा कराये जाने के प्रमाण प्रस्तुत कर दिये गये और बस को परमिट न होते हुए भी परिवहन कार्यालय से जाने दिया गया जो अपने आप में अजूबे से कम नहीं है।

यक्ष प्रश्न यही है कि जब क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी क्षितिज सोनी के द्वारा इस बस को जप्त किये जाने की जानकारी दी गयी तो निश्चित तौर पर इस बस को अगर छोड़ा गया होगा तो या तो सुपुर्दनामे पर छोड़ा गया होगा या फिर वाहन मालिक से किसी कागज पर हस्ताक्षकर कराकर छोड़ा गया होगा!

(क्रमशः जारी)