तेजी से गिर रहा भूमिगत जलस्तर

 

 

जलसंकट की जद में आयी शिव की नगरी

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। पारा जैसे – जैसे ऊपर की ओर चढ़ रहा है वैसे – वैसे भूमिगत जल स्तर नीचे की ओर जाता जा रहा है। शहर में अनेक लोगों के बोर (नलकूप) साथ छोड़ते जा रहे हैं। यह सब कुछ रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर ध्यान न दिये जाने के कारण हो रहा है। अप्रैल में यह आलम है तो मई और जून में हालात और भी भयावह होने की उम्मीद जतायी जा रही है।

नगर पालिका परिषद के भरोसेमंद सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि नगर पालिका परिषद के द्वारा शहर में हर साल लगभग दो-तीन दर्जन नलकूप खनन का कार्य किया जाता है। बारिश के बाद इन नलकूपों के रख रखाव की दिशा में उचित प्रबंध नहीं किये जाने से इनमें से आधे से अधिक नलकूप आने वाले वर्ष में साथ छोड़ जाते हैं। गर्मी के आगाज़ के साथ ही पालिका के द्वारा आने वाले साल में नये नलकूप खोद दिये जाते हैं।

शहर में भीमगढ़ जलावर्धन योजना के माध्यम से पीने के पानी की आपूर्ति की जाती है, हालांकि लोगों के द्वारा अधिक से अधिक पानी प्राप्त करने टिल्लू पंप और शक्तिशाली मोटर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके कारण पानी की समस्या गहरायी हुई है। शहर में प्रति व्यक्ति पानी की जितनी जरूरत है, औसतन उतना पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

इसके अलावा नवीन जलावर्धन योजना का काम कच्छप गति से चलने के कारण इस साल भी गर्मी के मौसम में शहर को इस योजना से पानी शायद ही मिल पाये, कुछ स्थानों पर पानी मिलने की बात तो कही जा रही है पर गंदा पानी आने से लोग इसका उपयोग करने की बजाय इसे बहा ही रहे हैं।

लोगों के द्वारा भाजपा शासित नगर पालिका के नवीन जलावर्धन योजना के ठेकेदार के प्रति नरम रवैये के चलते तरह – तरह की चर्चाएं भी की जा रहीं हैं। शहर से लेकर गाँव तक पानी की समस्या गहरा रही है। इसका प्रमाण खुद प्रशासन तक पहुँच रहीं शिकायतों, समस्याओं से मिल जाता है। लोगों को जरूरत के मुताबिक पीने और दैनिक उपयोग के लिये पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में लोगों को पानी के लिये तरसना पड़ सकता है।

वहीं, जिले के घंसौर, धनौरा, आदेगाँव, बरघाट, धारना, कुरई, सिवनी सहित अनेक ग्रामीण अंचलों के अन्य हिस्सों में पानी की समस्या गहराने के कारण जल परिवहन कर लोग अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं। लोग कुंआ, हैण्डपंप, बावली से किसी तरह पानी जुटा रहे हैं, लेकिन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग इस समस्या से निपटने के लिये समुचित उपाय नहीं कर पा रहा है, ऐसे में आने वाले दिनों में गर्मी के ये हालात और भी विकराल समस्या का कारण बन सकते हैं।