पालिका नहीं रोक पा रही पॉलीथिन का उपयोग!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। प्रदेश सरकार के द्वारा भले ही पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगा दिया गया हो, किन्तु सिवनी में यह प्रतिबंध बेअसर ही दिख रहा है। सिवनी में आज भी बेखौफ होकर प्रतिबंधित पॉलीथिन का न केवल उपयोग किया जा रहा है बल्कि हवाओं के चलने से हवा में उड़ती पॉलीथिन भी नगर पालिका को मुँह चिढ़ाती दिख जाती है।
सब्जी दुकानों से लेकर किराना और अन्य दुकानों में इसकी बानगी देखी जा सकती है। रोजाना बाजार में लोगों को पॉलीथिन का उपयोग करते देखा जा सकता है। रोजमर्रा की सामग्री सब्जी, फल, किराना, चाय नाश्ता ये सभी चीजें बिना पॉलीथिन के उपयोग कर, घर तक ले जाना अभी लोगों के लिये काफी कठिनाई का काम है क्योंकि लोगों को अभी भी वही आदत है।
बाजार में अभी भी पॉलीथिन बिक रही है और उपयोग की जा रही है, जिस पर प्रतिबंध का कोई असर नही पड़ा है। दुकानदारों की भी मजबूरी है क्योंकि उनके पास जो ग्राहक आते है उनमें से बहुत कम लोग घर से थैला लाते हैं। यदि वे व्यापारी पॉलीथिन में रखकर सामग्री नही देंगे तो उन्हें डर है कि उनका व्यापार इससे प्रभावित न हो जाये।
लोगों में जागरूकता की कमी चलते अभी भी लोगों को आदत वहीं पुरानी बनी हुईं है जैसे होटल से नाश्ता लाना हो तो पॉलीथिन में रखकर लाना पड़ता है। अभी इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं है। यहाँ तक कि चाय भी लोग पॉलीथिन में ही लेकर आते – जाते दिख जाते हैं।
ज्ञातव्य है कि शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्रित्व काल में दो साल पहले राज्य शासन ने 24 मई से पॉलीथिन कैरी बैग पर प्रतिबंध तो लगा दिया था लेकिन उस पर व्यापारियों द्वारा अमल नहीं किया जा रहा है। इस पर प्रशासन कोई कार्यवाही भी नहीं कर रहा है।
दरअसल, बहुतायत में रोजाना कमा कर खाने वालों के सामने समस्या है क्योंकि रोज कमाकर शाम को वे अपने घर जाते समय सब्जी, राशन, तेल, दही आदि सामग्री ले जाते है। इसके लिये सुलभ साधन पॉलीथिन का उपयोग है जिसके कारण व्यापारियों के द्वारा इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के द्वारा भी साल में एकाध बार वह भी शनिवार को जब सिवनी का बाजार बंद रहता है, जिला मुख्यालय में अमानक पॉलीथिन के खिलाफ कार्यवाही की जाती है। जिला प्रशासन चाहे तो शहर से रोज संग्रहित किये जाने वाले कचरे में पॉलीथिन की मात्रा देख ले तो अधिकारियों को इस बात का अंदाज़ा हो जायेगा कि सिवनी में अमानक पॉलीथिन का उपयोग किस स्तर पर किया जा रहा है।

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