परिवहन विभाग और पुलिस की कार्यवाही सिर्फ हेल्मेट चैकिंग तक सीमित!
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। नया वाहन लेने के बाद उस पर महीनों तक नंबर न लिखवाने का नया चलन सिवनी में देखने को मिल रहा है। सिवनी शहर में बिना नंबर लिखे वाहन अगर दुर्घटना कारित करते हैं तब ये परेशानी का सबब बन रहे हैं।
सिवनी शहर में लगभग चालीस फीसदी वाहन बिना नंबर के ही घूम रहे हैं। इनमें दो पहिया वाहनों की तादाद सबसे ज्यादा है। दो पहिया वाहनों में अस्थायी पंजीयन का स्टीकर चिपका होता है जो एक ही जैसा नंबर दर्शाता है। इसके अलावा जिन वाहनों में नंबर लिखा भी होता है तो वो कुछ इस तरह से लिखवाया गया होता है कि नंबर का होना या न होना कोई मायने ही नहीं रखता है। इसके चलते वाहनों को पहचानने में लोगों को मशक्कत भी करना पड़ रहा है।
बताया जाता है कि अगर इस तरह के किसी वाहन के द्वारा कभी दुर्घटना कारित कर दी जाती है तो वाहन के अस्थायी नंबर से वाहन को खोजना बहुत ही दुष्कर कार्य इसलिये होता है क्योंकि लगभग सभी दो पहिया वाहनों पर एक ही नंबर लिखा दिख रहा है।
उधर, परिवहन विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि वाहन खरीदने के लगभग तीस से 45 दिनों के अंदर परिवहन विभाग के द्वारा वाहन स्वामी को उसका रजिस्ट्रेशन नंबर प्रदाय कर दिया जाता है। इसके बाद वाहन स्वामी की यह जवाबदेही होती है कि वह अपने वाहन में परिवहन विभाग के निर्धारित मापदण्डों के हिसाब से नंबर लिखवाये।
सिवनी शहर में बिना नंबर के घूम रहे दो पहिया वाहनों की चैकिंग में यातायात पुलिस को भी दिलचस्पी नहीं दिखायी देती है। परिवहन विभाग को तो मानो वर्तमान में भारी वाहनों के अलावा किसी अन्य वाहन पर नज़र डालने की फुर्सत ही नहीं है।
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