ऋतु परिवर्तन के दौरान जरूरत है सजग रहने की
(सादिक खान)
सिवनी (साई)। बारिश की लगभग बिदाई के बाद अब दिन में गर्मी तो रात में सर्दी का अहसास हो रहा है। मौसम के मिजाज़ में आये परिवर्तन का असर लोगों की सेहत पर भी पड़ता दिख रहा है। ऋतु परिवर्तन के साथ ही अधिकांश लोग या तो वायरल फीवर की चपेट में आ रहे हैं या सर्दी खांसी की समस्या लोगों को होने लगी है।
मौसम में आये बदलाव से जिला चिकित्सालय सहित निजि चिकित्सालयों, चिकित्सकों विशेषकर झोला छाप चिकित्सकों के दवाखानों पर मरीज़ों की कतारें देखी जा सकती हैं। मौसम कभी ठण्डा तो कभी गर्म रहने के कारण मच्छरों का प्रकोप भी जमकर दिखने लगा है। इसके अलावा लोगों को वायरल फीवर और सर्दी खांसी की समस्याओं से भी दो चार होना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अस्पताल में रोजाना ही लगभग छः सौ से ज्यादा मरीज़ आ रहे हैं। इनमें से अधिकांश को हाथ पैर में दर्द, बुखार, हरारत, सर्दी खांसी, जकड़न के साथ ही साथ पेट की समस्याएं ज्यादा सामने आ रही हैं।
वहीं चिकित्सकों की मानें तो ऋतु परिवर्तन को एक तरह का संक्रमण काल माना जा सकता है। इस दौरान ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। जब भी मौसम में परिवर्तन होता है तब मरीजों की तादाद में इज़ाफा हो जाता है। इस दौरान मच्छरों से बचाव के साथ साफ सफाई का विशेष ध्यान रखे जाने की आवश्यकता होती है।
वहीं, ग्रामीण अंचलों में झोला छाप चिकित्सकों पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के द्वारा किसी तरह की कार्यवाही नहीं किये जाने से इनकी दुकानें जमकर फल फूल रही हैं। इन चिकित्सकों के द्वारा थोक दवा विक्रेताओं के पास से रियायती दरों (कंसेशनल रेट्स) पर दवाएं खरीदी जाकर भोले भाले ग्रामीणों को देकर जमकर लाभ कमाया जा रहा है।