(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। सूखे और पानी की कमी से निपटने के लिये भले ही सरकार अरबों रूपये खर्च करने की बात करती हो परंतु हकीकत यह है कि आज भी सरकार ने ऐसी कोई ठोस योजना नहीं बनायी है जिससे पानी की कमी को दूर किया जा सके। यदि मध्य प्रदेश शासन जिला स्तर पर कलेक्टर के माध्यम से छोटे – छोटे कदम उठाये तो काफी हद तक पानी की समस्या से निजात पायी जा सकती है।
वैसे इन दिनों कलेक्टर प्रवीण सिंह जिले भर में सर्वे करायें तो वे पायेंगे कि अधिकांश तालाब, नदियां सूख गयी हैं और उसमें सिल्ट जमी हुई है। लोगों का कहना है कि ऐसी परिस्थिति में कलेक्टर क्षेत्रीय किसानों के लिये यह आदेश कर दें कि वह उक्त जलाशयों की मिट्टी निकालकर अपने खेतों में डाल दें ताकि खेत की पैदावार बढ़ सके वहीं इसी बहाने जलाशयों का गहरी करण भी हो जायेगा। तालाब गहरी करण होने से पानी का स्तर भी बढ़ेगा और पानी की समस्या से निजात भी मिलेगी लेकिन कभी भी स्थानीय स्तर से यह प्रयास नहीं किया जाता कि जलाशयों में जमी सिल्ट को हटाकर उसका गहरी करण कर दिया जाये।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अगर चाहें तो जिला और जनपद पंचायतों के जरिये ग्राम पंचायतों को यह आदेश जारी कर सकते हैं कि ग्राम सभाओं में इस बात को तय कर लिया जाये कि तालाबों की गाद को किसानों के खेतों में डालने की योजना बनायी जाये। इसके साथ ही साथ ग्रामीण चाहें तो वे ग्रामसभा में यह प्रस्ताव ला सकते हैं कि उनके गाँव के जलाशयों में जमी सिल्ट निकालकर ग्रामीणों को मुफ्त दी जाये ताकि सिल्ट की मिट्टी खेत में डाल सकें। वहीं उक्त सिल्ट निकालने से जलाशयों का गहरी करण भी हो सकेगा।