हमारे दर्द का राजनीतिक या व्यवसायिक उपयोग न किया जाए : कश्मीरी पण्डित

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्ली (साई)। ‘द कश्मीर फाइल्स’(The Kashmir Files) पर दिये गए IFFI जूरी हेड और इजरायली फिल्ममेकर नदाव लापिड (Nadav Lapid) के बयान के पर घमासान मच गया है।

इसी बीच कश्मीरी पंडितों का एक संगठन भी इस विवाद में कूद पड़ा है।श्रीनगर स्थित कश्मीरी पंडितों के एक समूह ने कहा है कि ‘द कश्मीर फाइल्स’(The Kashmir Files) में राजनीतिक और कमर्शियल फायदे के लिए उनके दर्द को बेचा गया है। उनका कहना है कि फिल्म से कश्मीर में रह रहे पंडितों को और नुकसान हुआ है।

कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (Kashmiri Pandit Sangarsh Samiti) ने कहा है,“दर्द अपना अर्थ खो देता है और मूल्यहीन हो जाता है जब इसे व्यावसायिक और राजनीतिक मान्यताओं और लाभों के लिए बेचा जाता है।” समिति के अध्यक्ष संजय टीकू ने द टेलीग्राफ से कहा, “फिल्म और कुछ नहीं हमारे दर्द का व्यावसायीकरण है, हमारे दर्द का राजनीतिकरण है।”

टीकू ने कहा,“फिल्म की घटनाएं 100 फीसदी सच हैं लेकिन पिक्चराइजेशन गलत है। (उदाहरण के लिए), यह कुछ पंडितों को एक गांव में आतंकवादियों द्वारा मारे जाने को दर्शाता है, जिसमें स्थानीय मुसलमान हत्याओं पर खुशी मना रहे हैं। ऐसी चीजें यहां कभी नहीं हुईं।” उन्होंने आगे कहा कि फिल्म में पंडितों का दर्द दिखाया गया है, लेकिन मुसलमानों का नहीं।

टीकू ने कहा,“फिल्म का नाम ‘द कश्मीर फाइल्स’ है, ‘द कश्मीरी पंडित फाइल्स’ नहीं।” कश्मीर पंडितों के अलावा भी कई लोग मारे गए थे, जिनके बारे में फिल्म में कुछ दिखाया नहीं गया।

बता दें कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ साल 1990 में कश्मीर की घाटी में रह रहे पंडितों के नरसंहार की कहानी को दर्शाती है। इस फिल्म को लेकर शुरुआत से ही विवाद चल रहा है। हाल ही में गोवा में आयोजित 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) जूरी हेड नदाव लापिड (Nadav Lapid) ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ घटिया और प्रोपगेंडा बताया था। जिसके बाद फिल्म दोबारा सुर्खियों में आ गई है।

फिल्म को प्रोपगेंडा कहा जाने के बाद डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ के सिक्वल का ऐलान कर दिया। जिसका नाम ‘कश्मीर फाइल्स: अनरिपोर्टेड’ (Kashmir Files Unreported) होगा। इसके बारे में बात करते हुए विवेक अग्निहोत्री ने कहा था कि उनसे पास कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचारों के इतने किस्से हैं कि उनपर 10 फिल्में बनाई जा सकती हैं। ‘द कश्मीर फाइल्स’ का अगला पार्ट और ज्यादा डिस्टरबिंग होगा, तमाम बातें दिखाई जाएंगी।

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