रक्षा बंधन पर बन रहे शुभ संयोग

 

 

रक्षा सूत्र बांधने के लिये समय की पाबंदी नहीं!

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। भाई के द्वारा बहनों की रक्षा के लिये दिये जाने वचन के बदले बांधे जाने वाले रक्षा सूत्र के बंधन रक्षाबंधन का त्यौहार इस बार भद्रा के दोष से मुक्त रहेगा। बहनें सुबह से रात तक भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। श्रावणी पूर्णिमा पर सात साल बाद पंचांग के पाँच अंगों की श्रेष्ठ स्थिति भी बन रही है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पर्व के चार दिन पहले गुरु का मार्गी होना भी इसकी शुभता को और बढ़ायेगा। ज्ञातव्य है कि इस बार रक्षाबंधन का पर्व स्वाधीनता दिवस पर पड़ रहा है। 15 अगस्त को गुरुवार के दिन श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, बव करण तथा मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जायेगा।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार रक्षाबंधन का पर्व भद्रा के दोष से मुक्त है। खास बात यह भी है कि गुरुवार के दिन श्रवण नक्षत्र तथा सौभाग्य योग का संयोग कम ही बनता है। रक्षाबंधन के ठीक चार दिन पहले देव गुरु बृहस्पति मार्गी हो रहे हैं। मार्गी गुरु की साक्षी में इस प्रकार का पर्व काल शुभ माना गया है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन हयग्रीव जयंति भी है, साथ ही रात में 09.40 से पंचक की शुरुआत हो रही है। पूर्णिमा तिथि पर उत्तरार्ध के भाग में पंचक के नक्षत्र का रात्रि अनुक्रम त्यौहार की शुभता को पाँच गुना बढ़ा देता है। श्रावणी पूर्णिमा पर यजुर्वेदीय ब्राह्मणों का श्रावणी उपाकर्म भी होगा।

भवन के ऊपरी भाग का निर्माण करना शुभ : ज्योतिषाचार्यों के अनुसार श्रवण नक्षत्र को उर्धमुख संज्ञक नक्षत्र कहा गया है। पूर्णिमा तिथि पर इस नक्षत्र में भवन की ऊपरी इमारत के निर्माण की शुरुआत तथा द्वितीय व तृतीय तल पर नवीन प्रतिष्ठान का शुभारंभ करना अतिश्रेष्ठ माना गया है। आर्थिक प्रगति व स्थायी समृद्धि के लिये श्रावणी पूर्णिमा पर इनकी शुरुआत की जा सकती है।

करें भगवान श्रवण का पूजन : रक्षाबंधन पर सुबह श्रवण नक्षत्र की साक्षी रहेगी। इस दिन भगवान श्रवण के पूजन का विशेष महत्व है। श्रवण नक्षत्र में भगवान श्रवण का पूजन विशेष फलदायी माना गया है।