राशि अंतरण हेतु प्रधान पाठक लगा रहे चक्कर

 

(फैयाज खान)

छपारा (साई)। भारतीय स्टेट बैंक छपारा की कार्यप्रणाली और लचर व्यवस्था से शासकीय मिडिल व प्राईमरी स्कूलों के प्रधान पाठकों को बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

भारतीय स्टेट बैंक शाखा छपारा में जनपद शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाले विभिन्न प्राईमरी व मिडिल स्कूलों के एसएमसी खाते हैं। इन खातों में शासन द्वारा स्कूली छात्र – छात्राओं को गणवेश और स्कॉलरशिप की राशि भेजी जाती है।

इस खाते से राशि विद्यार्थियों के खाते में ट्रांसफर करने के लिये प्रधान पाठकों द्वारा बैंक को विद्यार्थियों के खाता नंबर व आवश्यक जानकारी की सूची और एक चैक बनाकर ट्रांसफर करने के लिये दिया जाता रहा है। नये नियम का हवाला देकर बैंक प्रबंधक द्वारा कहा गया कि प्रत्येक विद्यार्थी के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से उनका फॉर्म भरकर ही राशि भेजने की प्रक्रिया है। जबकि छिंदवाह मिडिल स्कूल में पदस्थ प्रधान पाठक राजकुमार चौकसे और देवरीकला प्राईमरी स्कूल में पदस्थ शंभू दुबे का कहना है कि इससे पूर्व स्कूल के विद्यार्थियों के खाता नंबर की सूची के साथ चैक दिया जाता था जिससे एसएमसी खाते से राशि सीधे विद्यार्थियों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती थी, लेकिन बैंक के प्रबंधक द्वारा कहा जा रहा है कि प्रत्येक विद्यार्थी के नाम पर चैक काट कर दिया जाये और जिसके साथ आरटीजीएस का फॉर्म भरकर दिया जाये तब उनके पीएनबी पंजाब नेशनल बैंक खाते में राशि पहुँचायी जायेगी।

इससे पूर्व एक सूची में सभी विद्यार्थियों का खाता नंबर दे दिया जाता था और आसानी से ट्रांसफर हो जाता था। अब खाते में ट्रांसफर नहीं होने के कारण परेशानी हो रही है। एक चैकबुक है जो आवश्यकता के अनुसार कम पड़ सकती है यदि प्रत्येक विद्यार्थी के नाम से चैक काटकर आरटीजीएस फॉर्म भरा जायेगा जो कि संभव नहीं लगता है। वहीं जब बैंक प्रबंधक आलोक वर्मा से चर्चा की गयी तो उनका कहना है कि अब नियम बदल गये हैं। पूर्व में जिस तरह से काम किया जाता था वह अब नहीं होगा। आरटीजीएस फॉर्म के साथ प्रत्येक विद्यार्थी का चैक देना होगा तब अन्य बैंक में राशि ट्रांसफर हो पायेगी ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों के खाते में न तो स्कॉलर और गणवेश की राशि पहुँच पा रही है।

दूसरी तरफ शिक्षकों का आरोप है कि बैंक के अधिकारी तरह – तरह के बहाने कर स्कूल के एसएमसी खाते से विद्यार्थियों के खाते में राशि ट्रांसफर न करते हुए नये-नये नियम कानून बता रहे हैं, जिससे बैंक बार-बार आना पड़ रहा है। वहीं बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है, साथ ही स्कूल के कई कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने उच्च अधिकारियों से माँग की है कि आसान प्रक्रिया करवायी जाये जिससे छात्र – छात्राओं के खाते में शासन की योजना का लाभ मिल सके और गणवेश व स्कॉलरशिप की राशि बच्चों के खाते में पहुँच जाये।

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