(अपराध ब्यूरो)
सिवनी (साई)। शहर के युवाओं को अब अपनी बाईक्स मे मॉडीफिकेशन बहुत ज्यादा भा रहा है। इसमें सबसे ज्यादा मॉडीफिकेशन साईलेंसर्स में करवाया जा रहा है। लोग तब दहशत में आ जाते हैं जब गोली की तरह आवाज उन्हें सुनायी देती है, बाद में पता चलता है कि यह बाईक में लगे साईलेंसर का कमाल था।
शहर में सक्रिय बाईकर्स गैंग के लोग महंगे व स्टाइलिश बाईक के मूल साईलेंसर को मैकेनिक से बदलवाकर तेज आवाज वाले साईलेंसर लगवा रहे हैं। वे बेधड़क स्पीड ड्राईव करके लोगों की जान सांसत में डालते हुए निकल रहे हैं। पुलिस शहर के चौक – चौराहों पर खानापूर्ति के नाम पर चैकिंग अभियान चलाती रहती हैं, लेकिन ऐसे बाईक सवारों के खिलाफ वह कुछ नहीं कर पा रही है। न्यायालय का सख्त आदेश है कि ऐसे बाईकर्स के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की जाये।
शहर के अनेक स्थानों पर मोटर साईकिलों के मूल साईलेंसरों के स्थान पर अभी भी गोली की आवाज निकालने वाला साईलेंसर लगाया जाता है। नियमों के अनुसार बाईक पर प्रेशर हॉर्न एवं वाहन को मॉडीफाईड किये जाने पर रोक है, लेकिन इसकी परवाह किये बिना, युवा वर्ग अपनी बाईक में प्रेशर हॉर्न के साथ ही साथ नकली साईलेंसर लगवाकर सरेआम घूम रहे हैं। ये बाईकर्स पुलिस अधीक्षक के बंग्ले के पास, बाहुबली चौराहे, पुलिस कंट्रोल रूम के आसपास भी स्टंट करते नजर आ जायेंगे, लेकिन पुलिस के द्वारा अभी तक ऐसे बाईकर्स के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो सड़कों पर स्टंट और गोली या पटाखे जैसी आवाज निकालना यातायात अधिनियम के खिलाफ है। रोड पर चलते समय अचानक इस प्रकार की आवाज आने से कोई सड़क पर गिर भी सकता है, और उसकी जान जा सकती है। इस पर तत्काल प्रभाव से पुलिस प्रशासन को रोक लगानी चाहिये नहीं तो इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं।
इधर, परिवहन विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि ऐसे बाईकर्स के खिलाफ केंद्रीय मोटर यान नियम 1989 के नियम 119 के तहत तथा तहत बाईकर्स के खिलाफ दो हजार रूपये का जुर्माना का प्रावधान है। सूत्रों ने कहा कि युवा वर्ग की ओर से बुलेट मोटर साईकिल पर लगा कंपनी का साईलेंसर हटाकर अनसेफ साईलेंसर लगवाये जा रहे हैं, जिसकी कोई गारंटी नहीं होती है। कंपनी के साईलेंसर जो लगभग पाँच हजार रुपये की कीमत के होते हैं, जबकि नकली साईलेंसर साढ़े आठ सौ रुपये के आसपास होता है एवं यह अधिक आवाज के साथ ही साथ गोली जैसी आवाज भी करता है।
मोटर साईकिल रिपेयर करने वाले ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कंपनी का साईलेंसर धीमी आवाज करता है, जबकि नकली साईलेंसर में जाली निकाल लिये जाने के कारण वह अधिक आवाज करता है। इसके साथ ही बुलेट मोटर साईकिल पर नकली साईलेंसर की पहचान यह है कि नकली साईलेंसर कंपनी के साईलेंसर से अधिक लंबे होते हैं, और गोली या फिर पटाखा छोड़ने के लिये इंजन के बीच लगे प्लग का गैप कम करके उसकी सेटिंग की जाती है, जो चलते हुए मोटर साईकिल को बंद करने के बाद दोबारा चलाने पर उसमें खुद ब खुद साईलेंसर की आवाज आने लगती है, जो कानूनी तौर पर गलत है। उन्होंने कहा कि गाड़ियों में लगवाने के लिये युवा आते हैं तो हम लगा देते हैं।
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