11 व 12 मार्च को होगा भोमा से सिवनी होकर चोरई रेलखण्ड का सीआरएस!

20 फरवरी को तय हो गया था सीएओ आर.एन. सुनकर का दौरा कार्यक्रम, सिवनी में न सांसदों को पता न विधायकों को! साई न्यूज के द्वारा जमीनी हकीकत दिखाए जाने के बाद रेलवे बोर्ड ने लिया था संज्ञान, दिए थे सख्त निर्देश!
(अखिलेश दुबे)


सिवनी (साई)। अंततः वह घड़ी आने ही वाली है जिसमें बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से में भोमा से सिवनी होकर चौरई तक के रेलखण्ड का कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) का काम पूरा होने वाला है। यह काम 11 व 12 मार्च को किया जाएगा। इस बारे में अब तक न तो बालाघाट के सांसद न ही मण्डला के सांसद के द्वारा किसी तरह की जानकारी सार्वजनिक न किया जाना भी आश्चर्य का विषय ही माना जा रहा है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) के महाप्रबंधक कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एसईसीआर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निर्माण आर.एन. सुनकर के द्वारा समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की साई न्यूज में लगातार ही रेलवे के धीमी गति के काम को लेकर समाचारों के प्रसारण के उपरांत जब लोगों के द्वारा इन वीडियोज को प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्री कार्यालय, रेलवे बोर्ड के चेयरमेन, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदि को भेजा गया तो उसके बाद ‘दिल्ली के दबाव‘ के चलते फरवरी माह के आरंभ में ही रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कुमार को बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से के काम को एक माह में पूरा करने के निर्देश दिए गए थे।
सूत्रों ने बताया कि समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की साई न्यूज के वीडियोज की खनक दिल्ली तक सुनाई देने के बाद एसईसीआर के महाप्र्रबंधक आलोक कुमार एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर. एन. सुनकर के द्वारा बालाघाट संसदीय क्षेत्र के सिवनी जिले के हिस्से का काम 23 फरवरी तक पूरा करने के दो टूक निर्देश दिए जाने के उपरांत काम को युद्ध स्तर पर कराया जाना आरंभ किया गया। सूत्रों ने यह भी बताया कि सिवनी में बने छोटे से रेलवे स्टेशन भवन को लेकर भी इसके निरीक्षण के दौरान आर.एन. सुनकर के द्वारा अप्रसन्नता प्रकट करते हुए आबादी क्षेत्र की ओर मुंह करते हुए नए भव्य रेलवे स्टेशन भवन बनाने के निर्देश भी दिए थे।
सूत्रों की मानें तो 20 फरवरी को ही एसईसीआर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी आर. एन. सुनकर का भोमा से सिवनी होकर चौरई का भ्रमण कार्यक्रम तय हो गया था, किन्तु इस मामले में भाजपा के दोनों सांसदों में मण्डला के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते और बालाघाट के सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन के द्वारा किसी तरह का न तो ट्वीट किया गया और न ही सांसदों के कार्यालयों के द्वारा ही मीडिया को कोई जानकारी दी गई, जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा भी इसकी जानकारी बालाघाट के सांसद को (चूंकि यह उनके संसदीय क्षेत्र का काम है) देना मुनासिब नहीं समझा।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को आगे बताया कि एसईसीआर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर.एन. सुनकर का आधिकारिक भ्रमण कार्यक्रम 26 फरवरी को ही जारी कर दिया गया था। इस कार्यक्रम के अनुसार आर.एन. सुनकर 08 मार्च को कोलकता से रात 09 बजकर 50 मिनिट पर ट्रेन नंबर 12310 से रवाना होकर 09 मार्च को सुबह 09 बजे बिलासपुर पहुंचेंगे। इसके बाद वे सीआरएस स्पेशल से उसी दिन सुबह 10 बजे रवाना होकर अन्य स्थलों का निरीक्षकर करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि इसके बाद वे 11 मार्च को सुबह 08 बजे सीआरएस स्पेशल से भोमा से सिवनी रेलखण्ड (लंबाई 20 किलोमीटर) का निरीक्षण करेंगे। सूत्रों ने बताया कि लगभग सात घंटे चलने वाले इस निरीक्षण में वे रेल की पटरियों (ट्रेक) का बारीकी से निरीक्षण करेंगे ताकि इस ट्रेक को सीआरएस प्रदाय किया जा सके।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि एसईसीआर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी आर. एन. सुनकर संभवतः रात्रि विश्राम सिवनी में करेंगे। इसके अगले दिन अर्थात 12 मार्च को उनके द्वारा सिवनी से चौरई के बीच के 34 किलोमीटर के रेलखण्ड का निरीक्षण किया जाएगा। यह निरीक्षण सुबह आठ बजे आरंभ होगा और शाम चार बजे तक लगभग आठ घंटे चलेगा। इसके अगले दिन वे भण्डारा से तुमसर मार्ग का निरीक्षण सहित अन्य निरीक्षणों के उपरांत 15 मार्च को वे रायगढ़ से रवाना होकर 16 मार्च को कोलकता पहुंचेंगे।

सूत्रों ने बताया कि सीआरएस का प्रस्ताव मुख्य प्रशासनिक अधिकारी आर. एन. सुनकर के द्वारा एसई सर्किल कोलकता को भेजा गया हैै। एकाध दिन में इस प्रस्ताव व तिथि को मंजूरी मिलने की उम्मीद भी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान जताई है।