सुभाष घई को आउटसाइडर बोल दुत्‍कारता था बॉलीवुड!

(ब्यूरो कार्यालय)
मुंबई (साई)। सुभाष गई को ‘शोमैन ऑफ द मिलेनियम’ भी कहा जाता है। वो डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और स्क्रीनराइटर तो हैं हीं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर एक्टर की थी। लेकिन एक्टर बनने के लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा था। वो आउटसाइडर थे। किसी से जान-पहचान नहीं थी। इस कारण कोई उन्हें स्टूडियो में भी घुसने नहीं देता था।
आपको जानकर हैरानी होगी कि घई ने सेल्फ हेल्प वाली किताबें पढ़ीं और इन किताबों में दी गई ट्रिक्स का यूज किया, ताकि वो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बना पाएं। उन्होंने एक टैलेंट प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जिसमें 5 हजार कंटेस्टेंट्स में से सिर्फ तीन लोगों को चुना गया। उनमें से एक सुभाष घई थे। उन्होंने जैकी श्रॉफ को लॉन्च किया। उन्होंने जैकी श्रॉफ के कद को इतना बड़ा बना दिया था कि अमिताभ बच्चन तक डरने लगे थे कि कहीं वो पिछड़ न जाएं। उन्होंने अनिल कपूर के करियर को आगे बढ़ाने में मदद की थी। ‘परदेस’, ‘ताल’ और ‘खलनायक’ जैसी खूबसूरत फिल्में दीं। अब उन्हें 67वें फिल्मफेयर अवॉर्ड 2022 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। आइये जानते हैं इस दमदार डायरेक्टर की फिल्मी कहानी के बारे में।
सुभाष घई (Subhash Ghai) का जन्म नागपुर में हुआ था। उनके पिता दिल्ली में डेंटिस्ट थे। सुभाष ने रोहतक, हरियाणा में कॉमर्स की पढ़ाई करने के बाद पुणे में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (FTII) से ग्रेजुएशन किया। घई ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि FTII से पास होने के बाद वो बॉम्बे (अब मुंबई) आए, लेकिन उन्हें किसी भी स्टूडियो में घुसने की अनुमति नहीं दी गई, क्योंकि वो आउटसाइडर थे और कोई उन्हें जानता नहीं था।
इंडस्ट्री में घुसने के लिए पढ़ते थे सेल्फ हेल्प की किताबें
आपको जानकर हैरानी होगी कि सुभाष घई ने सेल्फ हेल्प की किताबें पढ़नी शुरू कीं। जैसे- Dale Carnegie की How to Win friends and influence people। इन बुक्स में दी गई टेक्निक्स की मदद से उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में घुसने की कोशिश की। इसी दौरान उन्हें United Producers Filmfare talent कॉन्टेस्ट का पता चला और उन्होंने इसमें हिस्सा लिया। 5 हजार कंटेस्टेंट्स में से सिर्फ 3 लोग सिलेक्ट हुए। इनमें एक राजेश खन्ना, दूसरे धीरज कुमार और तीसरे सुभाष घई थे। राजेश खन्ना को जल्द ही रोल मिल गया, लेकिन घई को एक साल बाद काम मिला था।
बतौर एक्टर की थी करियर की शुरुआत
क्या आप जानते हैं कि सुभाष घई ने हिंदी सिनेमा में बतौर एक्टर करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 1967 में ‘तकदीर’ और 1969 में ‘आराधना’ जैसी फिल्मों में छोटे रोल निभाए। वो 1970 में आई ‘उमंग’ और ‘गुमराह’ में मेल लीड थे। उन्होंने 1979 में Kalicharan फिल्म से डायरेक्शन में डेब्यू किया। ये मूवी उन्हें दिग्गज एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा की सिफारिश से मिली थी। 2016 तक उन्होंने 16 फिल्मों को लिखा और डायरेक्ट किया।
सुभाष घई ने जैकी श्रॉफ को लॉन्च किया था
80 और 90 के दशक में सुभाष घई ने दिलीप कुमार के साथ खूब काम किया। उन्होंने 1983 में ‘हीरो’ मूवी से जैकी श्रॉफ को इंट्रोड्यूस किया। साथ ही 1985 में ‘मेरी जंग’ मूवी से अनिल कपूर के करियर को बढ़ाने में मदद की। उन्होंने जैकी और अनिल को ‘कर्मा’, ‘राम लखन’ और ‘त्रिमूर्ति’ दी। 1993 में रिलीज हुई ‘खलनायक’ फिल्म तो सभी को याद है, जिसमें संजय दत्त, माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ लीड रोल में थे। इसके गाने खूब हिट हुए थे। जैसे ‘नायक नहीं खलनायक हूं मैं’ और ‘चोली के पीछे क्या है।’
डायरेक्शन में रखा कदम
1997 में सुभाष घई ने ‘परदेस’ मूवी का डायरेक्शन किया। इसमें शाहरुख खान, न्यूकमर महिमा चौधरी और अपूर्व अग्निहोत्री लीड रोल में थे। 1999 में ‘ताल’ आई, जिसमें ऐश्वर्या राय बच्चन, अक्षय खन्ना और अनिल कपूर लीड रोल में थे। दोनों ही फिल्में उस जमाने की सुपरहिट फिल्में थीं। इसके बाद कई फिल्में फ्लॉप रहीं, जैसे 2001 में आई ‘यादें’, 2005 में रिलीज हुई ‘कृष्णा’।
बने प्रोड्यूसर
इसके बाद सुभाष घई ने डायरेक्शन से ब्रेक ले लिया और प्रोड्यूसर बन गए। उन्होंने ‘ऐतराज’, ‘इकबाल’, ’36 चाइना टाउन’ और ‘अपना सपना मनी मनी’ जैसी फिल्में प्रोड्यूस कीं। 2006 में उन्होंने मुंबई में फिल्म इंस्टीट्यूट खोला, जिसका नाम है- Whistling Woods International, जिसमें स्टूडेंट्स को प्रोडक्शन, डायरेक्शन, सिनेमेटोग्राफी, एक्टिंग और एनिमेशन सिखाया जाता है।
3 साल का लिया ब्रेक
डायरेक्शन से 3 साल का ब्रेक लेने के बाद 2008 में सुभाष घई ने वापसी की और Black & White रिलीज की। फिर ‘युवराज’ लेकर आए। दोनों ही फिल्मों ने अच्छा परफॉर्म नहीं किया। साल 2018 में कान्स फिल्म फेस्टिवल में उन्होंने अनाउंसमेंट की थी कि वो Italian प्रोडक्शन हाउस के साथ मिलकर Osho Rajneesh की बायोपिक को को-प्रोड्यूसर कर रहे हैं। फिल्म में लक्ष्मण सुकामेली का डायरेक्शन होगा। 2022 में उनकी फिल्म 36 Farmhouse रिलीज हुई, जिसे उन्होंने लिखा और प्रोड्यूस किया है। आपको ये दिलचस्प बात शायद ही पता होगी कि सुभाष अपनी हर फिल्म में स्क्रीन पर नजर जरूर आते हैं, भले ही चंद सेकेंड के लिए दिखाई दें।
1970 में की थी शादी, हैं दो बेटियां
पर्सनल लाइफ की बात करें तो बताया जाता है कि एक समय था, जब एक्ट्रेस रीना रॉय की बहन बरखा रॉय संग उनका नाम जुड़ा था। लेकिन 1970 में सुभाष घई ने पुणे की एक लड़की Rehana से शादी की थी, जिसे मुक्ता घई के नाम से जाना गया। इस समय वो वाइफ और दो बेटियों मेघना घई पुरी और मुस्कान घई के साथ मुंबई में ही रह रहे हैं। मेघना अपने पापा के इंस्टीट्यूट की प्रेसिडेंट हैं। खबरों के मुताबिक, सुभाष ने मेघना को गोद लिया था और उनकी शादी प्रोड्यूसर राहुल पुरी से हुई है।