दृष्टिबाधित बच्चों के चेहरे पर महिलाओं के डेजलिंग दिवा ग्रुप ने लाई मुस्कान

मप्र स्थापना दिवस पर आयोजित की रंगोली सहित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। आशादीप विशेष विद्यालय डूंडासिवनी में अध्ययनरत 18 दृष्टिबाधित बच्चों के चेहरे में मुस्कान लाने और दीपावली उत्सव की खुशियों को साझा करने महिलाओं के डेजलिंग दिवा (उड़ान हौसलों की..) चेरीटेबल ग्रुप ने मंगलवार को आशादीप परिसर में रंगोली प्रतियोगिता, आर्केस्ट्रा बैंड, आतिशबाजी सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर सुबह 11 बजे से महिला ग्रुप द्वारा आयोजित कार्यक्रमों का आशादीप के बच्चों ने खूब आनंद लिया।आशादीप संस्था के व्यवस्थापक वरिष्ठ शिक्षक जेपी वर्मा की उपस्थिति में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयाेजित की गई।
डेजलिंग दिवा महिला ग्रुप की अध्यक्ष श्रीमती शिखा अग्रवाल ने बताया कि, संस्था का यह पहला प्रयास है।संस्था के श्रीमती पूनम गोयल, श्रीमती विभा मोदी, श्रीमती लक्ष्मी अग्रवाल, श्रीमती स्वाति अग्रवाल सहित अन्य सदस्यों के सहयोग से मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर आशादीप परिसर में रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की गई।इसमें बच्चों व कलाकारों ने विभिन्न आकृतियां उकेरी।
श्रीमती पारूल नंदानी, शिवी जैन, अभिषेक चौहान, प्रज्ञा जैन सहित 11 प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, निर्णायक के तौर पर श्रीमती राशि मालू मौजूद रही।विजयी प्रतिभागी को संस्था की ओर से पुरस्कृत किया गया।प्रथम स्थान अभिषेक चौहान, द्वितीय शिवी जैन, तीसरे स्थान पर पारूल नंदानी रही।वहीं आर्केस्ट्रा बैंड के संगीतकार गिरीश ठाकुर, योगेश प्रजापति सहित संस्था की महिला सदस्यों ने गीत-संगीत से दृष्टिबाधित का खूब मनोरंजन किया।इन कार्यक्रमों के दौरान आतिशबाजी भी की गई, जिसका बच्चों ने आनंद लिया।संस्था द्वारा बच्चों को भोजन कराने के साथ मिठाइयाें का वितरण भी किया गया।
अध्यक्ष श्रीमती शिखा अग्रवाल ने बताया कि हमारी संस्था ने निर्णय लिया कि, जिन बच्चों के बीच दीपावली में अंधेरा रहता है उन बच्चों के बीच कुछ पल बिताकर उजाला लाने का प्रयास किया जाए।इसी उद्देश्य से मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर यह आयोजन किया गया।महिला ग्रुप द्वारा आशादीप संस्था को दो स्टील चेयर भी उपलब्ध कराई गई हैं।श्रीमती पूनम गोयल ने कहा कि, दीपावली पर्व पर हम संदेश देना चाहते है कि आप लोग आशादीप विद्यालय में इन बच्चों के बीच आएं और इनके साथ कुछ पल बिताएं जिससे इन बच्चों को अपने परिवार का एहसास हो सके।आयोजन की उपस्थितजनों ने भूरी-भूरी प्रशंसा की।