गर्मी का मौसम शुरूआत से ही अपने तल्ख तेवर दिखा रहा है। अप्रैल माह में तापमान 41 डिग्री पार कर चुका है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मई में तापमान और बढ़ सकता है। ऐसी भीषण गर्मी में एक ओर जहाँ पानी के स्त्रोत सूख रहे हैं वहीं लोगों में तरह – तरह की बीमारियां पनपना आरंभ हो गयीं हैं। ऐसे में डॉक्टर के चक्कर काटने की बजाय यदि कुछ सावधानियां रखी जायें या घरेलू उपाय अपनाये जायें तो गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
क्यों बीमार होते हैं गर्मियों में : गर्मियों में बीमार का आम कारण है खुले शरीर या नंगे पांव धूप में बार – बार निकलना। तेज गर्मी में खाली पेट घर से निकलना और पानी नहीं पीना। कूलर या एसी की ठण्डी हवा से भी सीधे धूप में जाने से बीमारी की संभावना होती है। गर्मियों में हमारा खान, पान सेहत पर बुरा असर डालता है। खासतौर पर तेज मिर्च, मसाले का खाना या बहुत ज्यादा शराब, चाय, सिगरेट का सेवन भी स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। गर्मियों में सिंथेटिक या टाईट कपड़े पहनने से भी स्किन प्रॉब्लम होती है।
ऐसे बचें तेज गर्मी के असर से : जब भी घर से निकलें, कुछ खा कर और पानी पी कर ही निकलंे। खाली पेट घर से निकलना नुकसान दायक हो सकता है। गर्मी में ज्यादा भारी खाना या बासा भोजन नहीं करना चाहिये क्योंकि गर्मी में शरीर की जठराग्नि मंद रहती है, इसलिये वह भारी खाना पूरी तरह पचा नहीं पाती और जरुरत से ज्यादा खाने या भारी खाना खाने से उल्टी, दस्त की शिकायत हो सकती है।
मौसम बदलने के साथ ही कपड़ों में पसंद भी बदलें। सूती और हल्के रंग के कपड़े पहनना चाहिये। चेहरा और सिर रूमाल या साफे से ढंक कर निकलना चाहिये। प्याज का सेवन तथा जेब में प्याज रखना चाहिये। घर की बनी ठण्डी चीजों का सेवन करना चाहिये। कोशिश करें कि बाजार के प्रिजर्वेटिव फूड और शीतल पेय की कम से कम जरूरत पड़े।
आम (केरी) का पना, खस, चन्दन गुलाब फालसा और संतरे का शरबत, ठण्डाई सत्तू, दही की लस्सी, गुलकंद का सेवन करने से बीमारियां कोसों दूर रहेंगी। इनके अलावा लौकी, ककड़ी, खीरा, तोरे, पालक, पुदीना, नींबू, तरबूज खाने से भी शरीर में पानी की पूर्ति होती है साथ ही एनर्जी बनी रहती है। दिन में कम से कम दो से तीन लीटर ठण्डा पानी पीना चाहिये। कोशिश करें पानी फ्रिज की बजाय मटके का हो। शीतकारी, शीतली तथा चन्द्र भेदन प्राणायाम एवं शवासन का अभ्यास कीजिये ये शरीर में शीतलता का संचार करते हैं।
(साई फीचर्स)