बिच्छू अपने शिकार को मारने के लिए या अपने बचाव के लिए ज़हर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन बिच्छू की केवल 25 प्रजातियां हैं जिनमें ज़हर पाया जाता है। इनमें पाया जाने वाला ज़हर इंसानों के लिए घातक साबित होता है।
बता दें कि बिच्छू के ज़हर में भारी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। यह प्रोटीन मनुष्यों को किसी भी तरह के होने वाले दर्द से निजात दिलाने में सक्षम होता है। बता दें कि बिच्छू के ज़हर से मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस), सूजन, आंत्र रोग और रुमेटीइड गठिया से पीड़ित लोगों का इलाज किया जाता है।
बाजार में बिच्छू के ज़हर की कीमत की बात करें तो यह करीब 39,000,000 डॉलर यानी लगभग (2,70,000000 रुपए) होता है। इसी तरह दूसरे नंबर पर है धरती पर मौजूद सबसे खतरनाक और जहरीले जीवों में से एक किंग कोबरा। किंग कोबरा का भी ज़हर बाज़ार में बहुत महंगा बिकता है। इसकी कीमत 1 करोड़ 45 लाख प्रति गैलन बताई जाती है। मुख्य रूप से किंग कोबरा के जहर का इस्तेमाल पेनकिलर में किया जाता है, साथ ही कई तरह की दर्दनिवारक दवाइयों में भी यह जहर उपयोगी माना जाता है।
इसी क्रम में आगे है लीसर्जिक एसिड डैथ्यलामैड। यह लिक्विड ड्रग इंसान के शरीर में मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालता है। इसे 1960 के दशक से एक मतिभ्रम औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। इसको खाने से व्यक्ति अपना संतुलन खो देता है और आस-पास के वातावरण से बिलकुल ही अलग हो जाता है। LSD को लोग ड्रग के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।

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