(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। प्रदेश की मंडियों में उपज बेचने पर नकद राशि नहीं मिलने से परेशान किसानों के लिए नई व्यवस्था लागू हो गई है।
257 मंडियों में से दो सौ में पूरी तरह नकद भुगतान लागू कर दिया गया है तो 57 में अभी 50 हजार रुपए तक नकदी देने की व्यवस्था बरकरार है। उधर, अनाज खरीदी का कारोबार करने वाली कंपनियों को एक ही पंजीयन पर पूरे प्रदेश में किसी भी मंडी से खरीदी करने की छूट दी गई है।
प्रदेश की मंडियों में लागू भुगतान मॉडल और बिचोलियों की भूमिका को लेकर किसान संगठन लगातार सरकार पर मिलीभगत के आरोप लगाते थे। किसान भी नकद भुगतान नहीं होने से परेशानी का सामना कर रहे थे और भुगतान के लिए बिचोलिए और व्यापारी के भरोसे बैठे रहते थे। समय पर उपज का भुगतान नहीं मिलने से जरूरी कामों को निपटाने के लिए साहूकारों से ऊंची ब्याज दर पर पैसा लेने की मजबूरी रहती थी।
इस व्यवस्था से मुक्ति दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने इस साल मंडियों में नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत व्यापारी अब मंडी में अनाज खरीदी पर किसान को पूरा भुगतान नकद कर सकते हैं। पहले अधिकतम 50 हजार रुपए नकद भुगतान का प्रावधान था। बाकी राशि आरटीजीएस या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दी जाती थी।
व्यापारी और बिचोलिए इसका फायदा उठाकर भुगतान में समय लगाते थे। इसकी वजह से किसान को जरूरतें पूरी करने के लिए साहूकारों से ब्याज पर राशि लेनी पड़ती थी। इसके मद्देनजर सरकार ने नकद भुगतान व्यवस्था लागू कर दी है। दो सौ मंडियों में यह शुरू भी हो गई है।
वहीं, बिचोलियों से किसानों को बचाने और उपज का वाजिब दाम दिलाने के लिए कंपनियों को एक पंजीयन पर पूरे प्रदेश की मंडियों में खरीदी की छूट दे दी है। अभी कंपनियों के लिए मंडियों के हिसाब से अलग-अलग पंजीयन कराने की व्यवस्था थी।
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