टूटने या गिरने वाली बिजली लाइन को न छुएं

 

 

 

समीप के बिजली कार्यालय या 1912 पर शीघ्र दें सूचना

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। विद्युत वितरण कंपनियों ने नागरिकों से अपील की है कि ऐसी बिजली लाइनें जिनमें विद्युत शक्ति प्रवाहित होती है, यदि आँधी तूफान, भीषण गर्मी या अन्य किसी कारण से टूट जाती या जमीन पर गिर जाती हैं, को अकस्मात् छूकर खतरा मोल न लें। लाइन टूटने की सूचना शीघ्र ही समीप के बिजली कंपनी कार्यालय में दें। ऐसी सूचना काल सेंटर 1912 पर भी दे सकते हैं।

अपील में नए घर बनाते समय विद्युत पारेषण अथवा वितरण लाइन से समुचित दूरी रखने को कहा गया है। विद्युत लाइनों, उपकरणों एवं खंभों से छेड़खानी, विद्युत अधिनियम 2003 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है। खेतों खलिहानों में ऊँची-ऊँची घास की गंजी, कटी फसल की ढेरियॉं, झोपड़ी, मकान अथवा तंबू आदि विद्युत लाइनों के नीचे अथवा अत्यंत समीप न बनाने को कहा गया है।

बच्चों को पतंग अथवा लंगर का खेल खेलते तरह-तरह के धागे और डोर विद्युत लाइनों में फंसा देने से रोकने, लाइनों में फँसी पतंग निकालने के लिए बच्चों को कभी भी खंभे पर न चढ़ने देने, लाइन पर तार या झाड़ियाँ न फेंकने देने और यदि कोई ऐसा करता है तो इसकी सूचना पास के पुलिस थाने या विद्युत कंपनी के वितरण केन्द्र में देने की भी अपील की गई है। विद्युत लाइनों के पास लगे वृक्ष या उनकी शाखा को न काटने को कहा गया है। बिजली के तारों पर कपड़े आदि न डालने, बिजली के खंभों या स्टे-वायर से जानवर आदि न बांधने और न ही जानवरों को इससे रगड़ने से रोकने का भी नागरिकों से अनुरोध कम्पनियों ने किया है।

नागरिकों से कहा गया है कि कोई व्यक्ति सजीव (चालू लाइन के) तारों के संपर्क में आ जाता है तो स्विच से विद्युत प्रवाह तुरंत बंद करने, स्विच बंद न कर सकने की स्थिति में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सूखी रस्सी, सूखा कपड़ा या सूखी लकड़ी की सहायता से सजीव तारों से तत्काल अलग करने को कहा गया है। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सूखी जमीन या सूखे फर्श पर लिटाने, कृत्रिम साँस देकर प्रथमोपचार करने, डॉक्टर को तत्काल बुला कर कृत्रिम साँस दिलवाने अथवा उसे शीघ्र अस्पताल पहुँचाने की सलाह भी दी गई है। इसके अलावा घरेलू उपकरणों एवं विद्युत फिटिंग की अर्थिंग, प्रकाश या थ्रेशर चलाने के लिए लम्बे एवं जोड़ वाले तारों का उपयोग न करने, थ्रेशर के तारों को बिजली कंपनी की लाइनों से अनधिकृत रूप से न जोड़ने को भी कहा गया है।

SAMACHAR AGENCY OF INDIA समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.