(ब्यूरो कार्यालय)
जबलपुर (साई)। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के करीब डेढ़ सैकड़ा आवासों में से एक तिहाई भवन कब्जे में हैं। इन भवनों में कब्जाधारी बिजली-पानी की सुविधाएं ले रहे हैं, जिसका भुगतान विश्वविद्यालय कर रहा है।
क्वार्टरों की हालत यह हो गई है कि कब्जे किए गए आवासों में मनमानी की जा रही है। किसी ने डेयरी खोल ली है तो कोई फैंसिंग करके वहां पार्र्किंग कर रहा है। सरकारी आवासों में रहने वाले लोगों में कई एेसे भी हैं, जिन्हें उच्च कैडर के क्वार्टर दिए गए हैं, जो बंगला प्यून क्वार्टर को भी किराए पर चला रहे हैं। विश्वविद्यालय के आवासों की हकीकत बयां करती रिपोर्ट…।
पचपेढ़ी स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय करीब सौ एकड़ में फैला हुआ है। इसमें विश्वविद्यालय भवन, विषय विभाग, लायब्रेरी, हॉस्टल सहित अधिकारी-कर्मचारी आवास हैं। मौजूदा हालात में करीब १३८ आवास हैं, जो कैडर के हिसाब से विभक्त किए गए हैं। इनमें प्रथम श्रेणी से लेकर चतुर्थ क्लास के क्वार्टर हैं। हॉस्टल के पीछे मल्टीस्टोरी क्वार्टर भी बनाए जा रहे हैं। पुराने क्वार्टरों में ज्यादातर चतुर्थ श्रेणी के आवास हैं।
आवास में शेड बनाकर जमीन घेर ली
विश्वविद्यालय के आवासों में रहने वाले लोगों ने क्वार्टर में शेड बनाकर साइड की जमीन घेर ली है। इससे आवासों के बीच की कंजरवेंसी समाप्त हो गई है। कंजरवेंसी समाप्त हो जाने से साफ-सफाई के लिए जगह नहीं बची है। यहां केवल सडक़ पर ही सफाई हो पाती है, शेष जगह पर आने-जाने के लिए रास्ता ही नहीं बचा है।
आवास में मवेशी
विवि के क्वार्टरों में लोगों ने मवेशी पाल लिए हैं। जानकारों का कहना है कि मवेशी रखने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन से अनुमति नहीं ली गई है। मवेशी होने की वजह से कॉलोनी में गंदगी फैल रही है। ये मवेशी एक क्वार्टर में नहीं है बल्कि यहां कई आवास एेसे हैं, जिसमें भवन से ज्यादा जगह पर कब्जा करके मवेशी पाल लिए गए हैं।
पचास से ज्यादा क्वार्टरों में कब्जा
विश्वविद्यालय के पचास से ज्यादा क्वार्टरों में कब्जा किया जा चुका है। इसमें सभी श्रेणी के क्वार्टर शामिल हैं। कब्जे में सबसे ज्यादा तृतीय श्रेणी के क्वार्टर हैं, जिनमें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी और उनके रिश्तेदार रह रहे हैं। जानकार कहते हैं कि यहां निगरानी नहीं होने से खाली पड़े क्वार्टरों पर लोगों ने अपने रिश्तेदारों को बसा लिया है। इस मामले की शिकायत करने पर भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ नहीं किया है। गौरतलब है कि रजिस्टार डॉ. कमलेश मिश्रा ने पदभार संभालते ही कब्जा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी की है।