पुलिस अधिकारी ही कालगर्ल से थे मिले

 

 

 

 

पुलिस महानिरीक्षक ने किया खुलासा

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश में हनी ट्रैप मोटी कमाई का जरिया बन चुका है। केवल एक रैकेट नहीं है जो वीवीआईपी को टारगेट कर रहा है बल्कि यह लघु उद्योग जैसा है। कई गैंग काम कर रहीं हैं और अपने अपने स्तर के लोगों को शिकार बना रहीं हैं।

यह चौंकाने वाली खबर है। मप्र पुलिस का टीआई हरीश यादव, एएसआई बहादुर पटेल, सिपाही रुपन राजू और संघरत्ना सिंह कॉलगर्ल के साथ मिलकर हनी ट्रैप रैकेट चला रहे थे। आईजी भोपाल से इसका खुलासा किया है।

24 सितंबर को पकड़ी गई गैंग शादीशुदा और व्यापारियों को ज्यादती के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर ब्लैकमेल करती थी। कॉलगर्ल के मोबाइल फोन में हरीश यादव, मिसरोद में पदस्थ एएसआई बहादुर पटेल, अयोध्या नगर थाने में पदस्थ सिपाही रुपन राजू और सिपाही संघरत्ना सिंह के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं। भोपाल में पदस्थ तीनों पुलिसकर्मियों को डीआईजी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। टीआई हरीश यादव के खिलाफ कार्रवाई के लिए आईजी सागर को बोला गया है। हरीश यादव अभी सागर के बहेरिया थाने में टीआई है।

सिपाही रुपन राजू ने हरीश यादव को मिलवाया था

अयोध्या नगर थाने में पदस्थ सिपाही रुपन राजू कॉल गर्ल्स और दोनों दलालों के संपर्क में था। उसने ही हरीश यादव को इस गैंग से मिलाया था। हरीश यादव ने उन्हें धमकाया था कि मेरे थाना क्षेत्र में कुछ भी करो उसकी जानकारी मुझे होना चाहिए। कॉल गर्ल्स अयोध्या नगर की एक सोसायटी में ही रह रहीं थी।

एएसआई बहादुर पटेल और सिपाही संघरत्ना सिंह, बाबू मंडल और गिरि के साथ पहले से ही जुड़े हुए थे। हरीश यादव ने थाना प्रभारी अयोध्या नगर के अपने पांच महीने (12 अक्टूबर 2018 से 2 मार्च 2019) के कार्यकाल में पांच से ज्यादा बिजनेसमैन को ब्लैकमेल करके लाखों रुपए वसूल किए थे। व्यापारियों से जो रकम टीआई द्वारा वसूली जाती थी  उसमें से 10 से 15 हजार रुपए ही कॉल गर्ल्स को दिए जाते थे।

हमें साक्ष्य मिले हैं: आईजी भोपाल

योगेश देशमुख, आईजी भोपाल रेंज ने बताया कि इस मामले में थाना प्रभारी के खिलाफ कुछ साक्ष्य मिले हैं। मैंने आईजी सागर को पत्र लिखकर थाना प्रभारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की है।

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