(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा के आठ से 26 जुलाई के बीच होने वाले पावस सत्र में कमलनाथ सरकार का पहला बजट प्रस्तुत किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव की वजह से कांग्रेस सरकार के दूसरे सत्र में लेखानुदान पारित हुआ था जिसमें चार महीने का बजट सरकार को दिया गया था। मूल बजट पेश किए जाने के बाद भी इसे तकनीकी रूप से बजट सत्र नहीं कहा जा रहा है।
कमलनाथ सरकार का यह तीसरा सत्र है। विधानसभा सचिवालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि 19 दिन के सत्र में 15 बैठकें होंगी। इस दौरान शासकीय विधि विषयक एवं वित्तीय कार्य संपादित किए जाएंगे।
सत्र में पेश किए वाले अशासकीय विधेयकों की सूचनाएं 26 जून तक तथा अशासकीय संकल्प की सूचनाएं 27 जून तक ली जाएंगी। स्थगन प्रस्ताव, ध्यानाकर्षण और नियम 267 के अधीन दी जाने वाली सूचनाएं विधानसभा सचिवालय में तीन जुलाई से लिए जाने की शुरूआत होगी।
सरकार को एक और मौका : कमलनाथ सरकार को पावस सत्र में एक बार फिर भाजपा के आरोपों को गलत साबित करने का मौका मिलेगा। सत्र में आने वाले सरकार के बजट को पारित करने के लिए मत विभाजन कराकर सरकार अपने समर्थन में विधायकों की संख्या बताकर भाजपा को जवाब दे सकती है।
गौरतलब है कि इसके पहले कांग्रेस की कमलनाथ विधानसभा के पहले दो सत्र में विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव और लेखानुदान मांगों को पारित कराने में बहुमत साबित कर चुकी है।
मगर इसके बाद भी भाजपा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार और गैर कांग्रेस विधायकों के सहारे कमलनाथ सरकार को अल्पमत बताने पर अड़ी हुई है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने तो राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पत्र लिखकर विशेष सत्र बुलाकर फ्लोरटेस्ट की मांग तक कर डाली थी।