हार्ड डिस्क जब्त करते ही श्वेता ने की थी नस काटने की कोशिश

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

इंदौर (साई)। हनीट्रैप की आरोपित श्वेता ने पूछताछ के दौरान अधिकारियों को खुद गुमराह किया। उसने पहले एसआईटी के जब्ती ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। जब एसआईटी ने घर की तलाशी लेकर हार्ड डिस्क और मेमोरी कार्ड जब्त की तो पूछताछ के दौरान हाथ की नस काटने की कोशिश की।

मंगलवार को उसने कोर्ट में इसका जिक्र किया। आरोपितों श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा भटनागर, आरती दयाल, मोनिका यादव और ड्राइवर ओमप्रकाश को एसआईटी ने मंगलवार को जिला कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने रिमांड नहीं मांगा।

श्वेता जैन के वकील ने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। श्वेता ने मजिस्ट्रेट को हाथ में बंधी पट्टी दिखाई और कहा रिमांड में उसे पीटा गया उसने परेशान होकर हाथ की नस काटने का प्रयास किया। मजिस्ट्रेट मनीष भट्ट ने सभी को 14 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।

अदालत परिसर में पति से गले लगकर रोई श्वेता

नगर निगम इंजीनियर हरभजनसिंह का अश्लील वीडियो बना ब्लैकमेल करने वाली आरोपितों को जैसे ही जेल भेजने के आदेश मिले, श्वेता और बरखा खुश हो गईं। न्यायालय कक्ष में पति से गले लग रोने वाली श्वेता पुलिस की गाड़ी में बैठते ही बोली बहुत दिन हो गए अब शराब पार्टी करेंगे। जबकि मोनिका और आरती अलग-थलग नजर आई। उससे न्यायालय कक्ष में भी किसी ने बातचीत नहीं की।

विशेष जांच दल (एसआईटी) दो दिन भोपाल में पूछताछ करने के बाद मंगलवार सुबह दोनों श्वेता जैन, बरखा भटनागर, आरती दयाल और मोनिका को सीधे एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचा क्राइम ब्रांच डीएसपी आलोक शर्मा, तीन टीआई और करीब 10 एसआई सहित पुलिसकर्मी मौजूद थे। मीडिया के सवाल करते ही पुलिसवालों ने आरोपित महिलाओं को घेर लिया और धक्के देते हुए सीधे मजिस्ट्रेट मनीष भट्ट के समक्ष पेश कर दिया।

बरखा ने तो श्वेता के मुंह पर स्कार्फ बांधा। श्वेता ने चश्मा साफ किया और हाथ पकड़ कर ढांढस बंधाया। करीब 15 मिनट चली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सभी को जेल भेजने के आदेश दिए। कुछ देर बाद श्वेता का पति स्वप्निल मिलने आ गया। श्वेता उससे गले लगकर रोने लगी। पुलिसकर्मी उसे बाहर लाए और कार में बैठा दिया। यहां महिला पुलिसकर्मियों से कहा कि जेल में शराब पार्टी करेंगे।

हार्ड डिस्क व मेमोरी कार्ड जब्त

सूत्रों के अनुसार पुलिस ने भोपाल में दो दिन पूछताछ के दौरान श्वेता और आरती के घरों की तलाशी ली और हार्ड डिस्क व मेमोरी कार्ड जब्त किए। वकील ने कहा कि कोर्ट में पेश करने से पहले ही पांचों आरोपितों का चिकित्सकीय परीक्षण करवाया गया है। इसमें कहीं भी ऐसी बात या साक्ष्य नहीं मिला है जिससे प्रताड़ना की बात साबित होती है।

जेल जाते आरती ने माना, राजनीतिक दबाव है

दोपहर करीब 12 बजे पुलिस पांचों आरोपितों को जिला जेल लेकर पहुंची। जेल द्वार पर मीडिया ने आरती से राजनीतिक दबाव के बारे में पूछा तो उसने हां में गर्दन हिलाई। दबी जुबां में कांग्रेस का नाम भी लिया और जेल में दाखिल हो गई। उसके वकील ने भी कहा कि पुलिस ने हाईप्रोफाइल लोगों के नाम छुपा लिए। पांचों महिलाओं को पुलिस ने मोहरा बनाया ह

पुलिस ने झूठा फंसाया, बेटे का लैपटॉप और मोबाइल छीन लिया

स्वप्निल ने पुलिस पर झूठी कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि श्वेता का बरखा, आरती, मोनिका और श्वेता विजय जैन से कभी संपर्क नहीं रहा। स्वप्निल के अनुसार वह कंसलटेंसी फर्म चलाता है। श्वेता फिजियोथैरेपिस्ट है और ऑन कॉल जाती थी। हरभजन ने शिकायत में भी उसका नाम नहीं लिया है। पुलिस घर की तलाशी लेने आई तो कुछ नहीं मिला। 12 वर्षीय बेटे का लैपटॉप और उसके दो मोबाइल बरामद कर लिए। स्वप्निल के अनुसार वह श्वेता के साथ है। पत्नी की जमानत के बाद पुलिस कार्रवाई के खिलाफ मीडिया में पक्ष रखूंगा।