चार मंजिल तक फंसे लोग, कांच फोड़कर निकाला
(ब्यूरो कार्यालय)
इंदौर (साई)। एमजी रोड स्थित होटल सम्राट में गुरुवार शाम आग लगने से हड़कंप मच गया। होटल की चार मंजिल तक धुआं भर गया और लोग कमरों में फंसे रह गए। पुलिस व फायर ब्रिगेड की टीम खिड़कियों के कांच फोड़ अंदर घुसी और सीढ़ियों से उन्हें बाहर निकाला।
धुएं में दम घुटने से दो वृद्धाएं घायल हो गईं, वहीं दो लोग कांच टूटने से जख्मी हो गए। लोगों ने होटल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने होटल संचालक की पत्नी को घेर लिया और खरीखोटी सुनाई।
तुकोगंज टीआई तहजीब काजी के मुताबिक, घटना शाम करीब 7.30 बजे की है। आग प्रथम मंजिल पर बने स्टोर रूम में लगी थी। कर्मचारियों ने समय पर ध्यान नहीं दिया और धुआं बढ़ता गया। सीढ़ियों और गैलरी से होते हुए धुआं कमरों में भर गया। होटल की चार मंजिलों तक लोग ठहरे हुए थे। धुआं भरने से हड़कंप मच गया और बाहर तक शोर सुनाई देने लगा। अंदर जाने पर दम घुट रहा था। अंधेरे में रास्ता भी नजर नहीं आया।
टीआई काजी, सिपाही राहुल जाट और संजीव बालकनी में सीढ़ी लगाकर चढ़े और खिड़कियों के कांच फोड़कर कमरों में प्रवेश किया। लोगों को सीढ़ी की मदद से बाहर निकाला गया। इस दौरान टीकमगढ़ निवासी अनिता जैन (61) और एक अन्य महिला घायल हो गईं। बाहर निकालते वक्त झारखंड के अनुरंजन के हाथ में कांच घुस गया और वे घायल हो गए। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने 23 लोगों को बचाया। इस दौरान टीआई काजी भी घायल हो गए। कांच फोड़ने के दौरान टीआई के दोनों हाथों में चोट लग गई।
कमरे में बदहवास हुआ यात्री, मोबाइल टॉर्च देख ढूंढा
बिहार निवासी चंदन कुमार चौथी मंजिल स्थित रूम नंबर 569 में ठहरे हुए थे। वे कुछ समझ पाते जब तक पूरा कमरा धुएं से भर गया। उनका दम घुटने लगा। वे कमरे का दरवाजा तक नहीं ढूंढ पाए। लाइट भी बंद हो चुकी थी। चंदन ने दरवाजा देखने के लिए मोबाइल टॉर्च जलाई और बदहवास होकर बैठ गए। होटल में ठहरे यात्रियों को ढूंढ रहे टीआई ने कमरे में मोबाइल की रोशनी देखी और कांच फोड़कर अंदर घुसे और चंदन को बाहर निकाला।
बाल्टी से आग बुझा रहे थे कर्मचारी, राहगीरों ने चीख सुन फायर ब्रिगेड बुलाई
आग लगने के बाद होटल प्रबंधक और कर्मचारी यात्रियों के कमरे से बाल्टियां भरकर पानी लेकर आए और आग बुझाने की कोशिश करते रहे। तब तक धुएं ने पूरे होटल को चपेट में ले लिया। लोगों की चीख सुनकर राहगीरों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को कॉल किया। पुलिस होटल प्रबंधन की लापरवाही की जांच कर रही है।
प्रमोद कुमार (इलाहाबाद) के मुताबिक, वे साथी अनुरंजन के साथ दूसरी मंजिल स्थित रूम नंबर 223 में ठहरे हुए थे। अचानक कमरे में धुआं फैलने लगा। कुछ कर्मचारी दौड़ते हुए आए और दरवाजा बजाया। कर्मचारी बाथरूम से पानी भरकर भागे। उन्होंने बताया कि आग लगी है। प्रमोद ने कहा कि फायर ब्रिगेड और पुलिस को कॉल करो तो उन्होंने कहा कि थोड़ी सी है हम बुझा देंगे। उसी वक्त इंदौर निवासी मनोज जोशी और डॉ.समीर मुझसे मिलने आए थे। उन्होंने होटल से धुआं निकलता देखा तो कॉल किया। प्रमोद ने कहा कि वे अंदर फंसे हैं। तब तक साथी अनुरंजन ने फायर ब्रिगेड को कॉल कर दिया। फायर ब्रिगेड ने लोकेशन पूछी लेकिन उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं होने से सिर्फ इतना कहा कि होटल एक मस्जिद के सामने है। मनोज ने पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस ने फायर ब्रिगेड को लोकेशन बताई और मौके पर बुलाया। इसी तरह टीकमगढ़ निवासी अनिल जैन व उनकी पत्नी अनिता, मां शांतिदेवी को पांचवीं मंजिल से बचाया गया।
लोगों को आग में छोड़ भाग गए कर्मचारी
होटल में ठहरे यात्री मनमोहन हरदा के मुताबिक, आग बढ़ने पर कर्मचारियों ने होटल की लाइट बंद की और बाहर भाग गए। कुछ देर बाद पुलिस वाले आए और रूम से बाहर निकाला। होटल का फायर सिस्टम व अलॉर्म भी बंद था। कर्मचारी राजेश मिश्रा के मुताबिक, होटल में कुल 48 कमरे हैं। गुरुवार को 10 कमरे भरे हुए थे, जिनमें 23 लोग ठहरे थे। सबसे पहले उसने ही धुआं देखा था। तत्काल लाइट बंद की और फायर ब्रिगेड को फोन कर दिया। होटल मालिक दीपक डाबर की पत्नी मंजू के मुताबिक, फायर सिस्टम चालू था। उन्होंने समय पर फायर ब्रिगेड को कॉल कर दिया था लेकिन टीम को पहुंचने में देरी हो गई।
वायरलेस सेट पर आग की खबर सुनी और बचाने दौड़ पड़ा
कंट्रोल रूम से प्रसारण हुआ कि होटल सम्राट में आग लगी है। मैं गश्त छोड़कर होटल पहुंच गया। लोगों के रोने की आवाज सुनाई दे रही थी। धुआं भरने के कारण अंदर घुसना मुश्किल था। मैंने सीढ़ियां लगाई और बालकनी से खिड़की तक पहुंच गया। हाथ से कांच फोड़ा और रूम में फंसे लोगों को सीढ़ियों से बाहर निकालना शुरू कर दिया। सिपाही राहुल और संजीव भी लोगों को बचाने में जुट गए। कांच फोड़ने में मेरे दोनों हाथ जख्मी हो गए। होटल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। उन्होंने समय पर सूचना नहीं दी। फायर सुरक्षा उपकरण भी काम नहीं कर रहे थे।

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